आतंकवाद के खिलाफ़ पाकिस्तान की कार्रवाई कितना सही?

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आतंकवाद को लेकर आलोचना झेल रहे पाकिस्तान का कहना है कि उसने उग्रवादी संगठनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. साथ ही मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत को बैन कर दिया है.

अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान का दावा है कि उसने उग्रवादी समूहों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इस कार्रवाई में 44 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है जिनका संबंध जैश-ए-मोहम्मद से हैं.

पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा है ये कदम सभी प्रतिबंधित संगठनों पर कार्रवाई तेज करने के मद्देनजर उठाया गया है. पाकिस्तानी अधिकारी ये भी कह रहे हैं कि उनकी यह कार्रवाई पहले से तय रणनीति का हिस्सा है, इसका भारत की ओर से लगाए जा रहे आरोपों का कुछ लेना-देना नहीं है.

14 फरवरी को पुलवामा में भारतीय अर्धसैनिक बलों के काफिले पर हुए हमले के लिए भारत, पाकिस्तान में चल रहे ऐसे संगठनों को जिम्मेदार ठहराता रहा है. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.

इसके बाद से ही भारत और दुनिया के कई देश पाकिस्तान पर लगातार दबाव बना रहे थे. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ फिर से प्रस्ताव ला चुके हैं. प्रस्ताव पर मार्च मध्य में मतदान होना है.

पाकिस्तानी गृह मंत्रालय के मुताबिक जैश के प्रमुख मसूद अजहर के रिश्तेदार मुफ्ती अब्दुल राउफ और हामाद अजहर को एहतियातन हिरासत में लिया गया है. हामाद को मसूद अजहर का बेटा कहा जा रहा है.

पाकिस्तान के गृह सचिव आजम सुलेमान ने कहा, “हम अभी जांच कर रहे हैं और हमें सबूत मिलते हैं तो कानूनी कार्रवाई होगी. लेकिन अगर हमें कोई सबूत नहीं मिलता तो हिरासत खत्म हो जाएगी.”

पाकिस्तान सरकार का कहना है कि उसने उग्रवादियों से निपटने के लिए रणनीति पूरी तरह से तैयार कर ली है. पाकिस्तान में सुरक्षा मसलों से जुड़े दो वरिष्ठ अधिकारियों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सरकार ने जेयूडी और एफआईएफ के द्वारा चलाए जा रहे मदरसों को भी बैन कर दिया है.

देश में जेयूडी द्वारा करीब 300 मदरसे चलाए जा रहे थे. पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार डॉन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रशासन ने ऐसे मदरसों को बंद करके उनकी संपत्ति को जब्त कर ली है.

इस पूरे मसले पर अब तक भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स से बातचीत में पाकिस्तानी कार्रवाई पर संशय जताया.

उन्होंने कहा, “हम पिछले कई साल से देख रहे हैं कि हाफिज सईद को कितनी बार गिरफ्तार किया गया और फिर छोड़ दिया गया. इतना ही नहीं क्या पाकिस्तान ने जैश के कैंपों पर कोई कार्रवाई की?”

अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन से बातचीत में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी स्वीकार कर चुके हैं जैश प्रमुख मसूद पाकिस्तान में ही है. हालांकि उन्होंने मसूद की तबियत को खराब बताया था.

साभार- ‘डी डब्ल्यू हिन्दी’