आतंकी यासीन भटकल इस वजह से तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठा

   

इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के संचालक यासीन भटकल को 2013 में गिरफ्तार होने के तीन साल बाद मौत की सजा सुनाई गई. अब वह तिहाड़ जेल में ‘विरोधी नेता’ बनता जा रहा है.

भटकल ने दिल्ली की तिहाड़ जेल में नए दोस्त बना लिए हैं. एक तरफ वह मौत के करीब पहुंचता जा रहा है तो वहीं उसने जेल में कुकर को लेकर जंग छेड़ दी है. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी ख़बर के मुतबिक भटकल ने कुकर का इस्तेमाल दोबारा शुरू करने को लेकर पिछले हफ्ते जेल में दो दिन की भूख हड़ताल कर दी थी.

दरअसल, तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिसंबर में कैदियों को दूध और पानी गर्म करने के लिए इंडक्शन कुकर के इस्तेमाल की इजाज़त दे दी थी. प्रशासन को शिकायत मिली कि कैदी नियमों का उल्लंघन कर इन कुकर का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए कर रहे है. इसके बाद कुकर वापस ले लिए गए. बता दें कैदियों को जेल की रसोई में खाना बनाने और लाने की अनुमति नहीं है.

भटकल ने जेल में दिल्ली के गैंगस्टर रवि कपूर से दोस्ती कर ली है, जो पत्रकार सौम्या विश्वनाथन और कार्यकारी जिगिशा घोष की हत्या का आरोपी है. भूख हड़ताल में इंडियन मुजाहिदीन ऑपरेटिव असदुल्लाह हादी, पूर्वोत्तर दिल्ली के चीनू गिरोह के कुछ सदस्य और रवि कपूर ने भटकल का साथ दिया.

पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘दो दिनों के लिए इन लोगों ने खाने से इनकार कर दिया. कई कैदियों से बात करने और उन्हें समस्याओं के बारे में बताने के बाद उन्होंने भटकल को अकेला छोड़ दिया. बाद में उन्होंने भी विरोध वापस ले लिया. हमने महसूस किया कि भटकल उन्हें उकसा रहा था.’

एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘दो दिन के लिए उन्होंने भूख हड़ताल की और हिलने से इनकार कर दिया. वे विशेषाधिकार का दुरुपयोग करने वाले थे. बाद में, उसके अलावा बाकी लोगों ने विरोध जारी नहीं रखने का फैसला किया.’

बता दें हैदराबाद में 2013 में हुए धमाके के मामले में यासीन भटकल समेत 5 आरोपियों को कोर्ट ने 2016 में फांसी की सजा सुनाई थी. हैदराबाद के दिलसुख नगर में 21 फरवरी, 2013 को धमाका किया गया था, जिसमें 18 लोग मारे गए थे. भटकल 2008 में अहमदाबाद व बेंगलुरु और 2012 में पुणे में हुए धमाकों का भी आरोपी है.

साभार: न्यूज़ 18