आत्मनिर्भर भारत : जनजातीय मामलों का मंत्रालय केवीआईसी से करेगा 2 करार (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

   

नई दिल्ली, 17 जनवरी । सरकार के महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाते हुए, जनजातीय मामलों के मंत्रालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवाईआईसी) के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ता़क्षर करने के लिए तैयार है।

यह समझौता जनजातीय छात्रों के लिए खादी कपड़े खरीदने और प्रमुख रोजगार सृजन योजना – प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) को लागू करने के मद्देनजर केवाईआईसी के साथ भागीदारी करने के लिए किया जा रहा है।

मंत्रालय देशभर के एकलव्य आवासीय स्कूलों में पढ़ने वाले आदिवासी छात्रों के यूनिफॉर्म के लिए लगभग 15 करोड़ रुपये के खादी के 6 लाख मीटर से अधिक की फैब्रिक की खरीद करेगा।

दूसरे समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम (एनएसटीएफडीसी), जनजातीय मामलों के मंत्रालय की एक एजेंसी, पीएमईजीपी योजना को लागू करने में केवीआईसी के भागीदार के रूप में काम करेगी। एनएसटीएफडीसी एक ऐसी एजेंसी है जो अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के उद्यमों के वित्तपोषण के लिए भारत में आदिवासियों के आर्थिक विकास के लिए रियायती ऋण़ योजनाएं प्रदान करती है।

मामले से जुड़े एक जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि दोनों एमओयू पर इस सप्ताह के अंत में हस्ताक्षर किए जाएंगे।

एमओयू खादी कारीगरों और आदिवासियों के लिए स्थानीय और स्व-रोजगार पैदा करके सरकार के आत्म निर्भर भारत अभियान के अनुरूप हैं। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि खादी कपड़े की भारी खरीद कारीगरों के लिए अतिरिक्त रोजगार और आय पैदा करेगी।

अधिकारियों ने कहा कि खादी कपड़े की खरीद के लिए पहला एमओयू एनईएसटी और केवाईआईसी के बीच होगा जबकि दूसरा एमओयू एनएसटीएफडीसी और केवाईआईसी के बीच होगा।

सूत्र ने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय एकलव्य आवासीय विद्यालय का संचालन करता है, जहां वर्तमान में 75,000 छात्र अध्ययन कर रहे हैं, 2022 तक कुल 750 स्कूल स्थापित करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि 750 और स्कूलों के साथ, कुल 3.6 लाख छात्रों को नामांकित किया जाएगा।

सूत्र ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में 480 छात्र होंगे।

उन्होंने आगे बताया कि मंत्रालय ने हाल ही में नई दिल्ली में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) के साथ साझेदारी में एक अलग लोगो के साथ स्कूलों में छात्रों के लिए स्कूल यूनिफॉर्म का मानकीकरण किया है।

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