आयुष मंत्रालय ने पतंजलि की दवा के प्रचार पर लगाई रोक, जांच के लिए मांगी जानकारी

   

पतंजलि की ओर से आज लॉन्च की गई कोरोना वायरस के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल के प्रचार पर सरकार ने रोक लगा दी है। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को आदेश दिया है कि कोविड दवा का तब तक प्रचार नहीं करें जब तक कि मुद्दे की जांच नहीं हो जाती है। मंत्रालय ने पतंजलि से दवा की डीटेल मांगी है ताकि पतंजलि के दावे की जांच की सके। आयुष मंत्रालय ने कहा है पतंजलि की कथित दवा, औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून, 1954 के तहत विनियमित है।

बता दें कि दवा के लॉन्चिंग के मौके पर पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया था कि यह दवा 3-14 दिनों के अंदर कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज कर सकेगी। हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में लॉन्चिंग के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल दवा का जिन कोरोना मरीजों पर ट्रायल किया गया, उनमें 69 फीसदी मरीज केवल तीन दिनों में ही पॉजीटिव से निगेटिव और सात दिन के अंदर 100 फीसदी रोगी संक्रमण से मुक्त हो गए।

कोरोना का इलाज करने का दावा करने वाली कोरोनिल दवा को लोग घर बैठे भी मंगवा सकेंगे। इसके ऑर्डर करने के कुछ ही घंटे के अंदर दवा डिलिवर कर दी जाएगी। पतंजलि ने बताया है कि अगले सोमवार को दवा के ऑनलाइन ऑर्डर के लिए एक मोबाइल ऐप ‘ऑर्डर मी’ लॉन्च की जाएगी, जिसके जरिए दवा खरीदी जा सकेगी। वहीं, जो लोग इसे ऑफलाइन स्टोर से खरीदना चाहते हैं, वे एक सप्ताह बाद पतंजलि के स्टोर से खरीद सकेंगे।

दवा की लॉन्चिंग के दौरान आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि हमने इस दवा को और भी प्रभावी बनाने के लिए जड़ी-बूटियों के साथ खनिजों का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना किट के जरिए से भी कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है। एक कोरोना किट की कीमत सिर्फ 545 रुपये होगी और यह किट 30 दिनों के लिए होगी।