बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इशारे पर केंद्र सरकार आरक्षण व्यवस्था खत्म करने की साजिश कर रही है। आरोप लगाया है कि सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण देकर दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर सावित्री बाई फुले ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने संघ के इशारे पर संविधान की मूल भावना के खिलाफ आरक्षण देने का यह फैसला लिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत पहले ही कह चुके हैं कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया है कि आरक्षण की यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि भविष्य में दलितों और पिछड़ों को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए। सवर्ण जातियों को आरक्षण देना भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ है।
प्राइवेट सेक्टर में दलितों को मिले आरक्षण
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने लंबे समय से प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को लटका रखा है। मांग की कि देश में जातीय जनगणना कराई जाए और आरक्षण में भागीदारी के हिसाब से आरक्षण दिया जाए। न्यायिक सेवा आयोग का गठन करके उसमें भी दलितों व पिछड़ों को आरक्षण देने की मांग की।
भाजपा को हराने के लिए महागठबंधन का समर्थन
उन्होंने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद संविधान, दलितों और पिछड़ों की बात करने पर उन्हें भाजपा में दबाया गया। आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के लोगों के वोट के अधिकार को भी खत्म करने की साजिश रच रही है। ईवीएम मशीन में हेराफेरी इसका उदाहरण है। कहा कि वह बहुजन समाज के लोगों का हक दिलाने के लिए भाजपा को हराने वाले गठबंधन का साथ देंगी।