इंडिगो 10 फीसदी कर्मचारियों की करेगी छंटनी

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कोरोना वायरस महामारी का कहर हर क्षेत्र पर देखने को मिल रहा है। इंडिगो ने इस बात का ऐलान किया है कि कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट के चलते 10 फीसदी कर्मचारियों को हटाया जाएगा। इस बात की जानकारी कंपनी के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने सोमवार की दी।

दत्ता ने एक बयान में कहा, “जहां से चीजें वर्तमान में खड़ी हैं, हमारी कंपनी के लिए इस आर्थिक चुनौतियों के बीच से कुछ बलिदान किए बिना उड़ान भरना असंभव है, ताकि हमारे व्यवसाय के संचालन को बनाए रखा जा सके।”

उन्होंने कहा, “इसलिए सावधानी पूर्वक आकलन और सभी संभावित परिदृश्यों की समीक्षा के बाद यह साफ हुआ है कि हमें अपने 10 फीसदी कर्मचारियो को हटाना पड़ेगा। इतिहास में ऐसा पहली बार है जब इंडिगो को यह पीड़ादायक कदम उठाना पड़ रहा है।” 31 मार्च 2019 तक इंडिगो एयरलाइंस के पास 23,531 कर्मचारी पेरॉल पर थे।

सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने भी अपने कुछ कर्मचारियों को छह महीने से लेकर पांच साल तक जबरन छुट्टी पर भेजने की तैयारी कर ली है। कंपनी ने पिछले हफ्ते सोमवार को जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी। इस दौरान छुट्टी पर भेजे गए कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जाएगा। आधिकारिक आदेश में कहा गया, ‘यह योजना (LWP) कंपनी के स्थायी कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजने के लिए शुरू की जा रही है। इसमें कर्मचारी छह महीने से लेकर पांच साल की अवधि तक के लिए छुट्टी पर भेजे जा सकते हैं।’ यह योजना कंपनी के स्थायी कर्मचारियों के लिए लागू होगी।

आदेश में कहा गया, ‘सात जुलाई, 2020 को संपन्न हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 102वीं बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। इसमें कर्मचारी छह महीने से लेकर दो साल तक, जिसको पांच साल तक बढ़ाया भी जा सकता है, छुट्टी पर जाने का विकल्प का फायदा उठा सकते हैं।’

इसके अलावा आदेश में आगे कहा गया है कि यह योजना सीएमडी को उस आदेश को पारित करने के लिए भी अधिकृत करती है, जिसमें वह कंपनी के नाम पर कर्मचारी को छह महीने के लिए या फिर दो साल की अवधि के लिए, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, छुट्टी पर भेज सकते हैं। यह कर्मचारी के दक्षता, क्षमता, प्रदर्शन, स्वास्थ्य, अतीत में ड्यूटी के लिए कर्मचारी की अनुपलब्धता आदि पर आधारित रहेगा।

हालांकि, एयर इंडिया पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) ने बिना पैसे छुट्टी (लीव विदआउट पे) स्कीम पर शिकायत करते हुए एयर इंडिया को लिखा है कि इस बारे में उनसे कोई सलाह मशविरा नहीं की गई। इसमें कहा गया कि जिसे एयर इंडिया की तरफ से दोनों के लिए बेहतर बताया जा रहा है कि उसका फैसला बिना पायलट की सलाह के ही किया गया है।