मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार ने जहां यह घोषणा की है कि प्रदेश के कर्मचारी हर मंत्रालय परिसर में हर महीने की पहली तारीख को पुलिस बैंड के साथ “वंदे मातरम” राष्ट्रीय गीत का गायन करेंगे, वहीं कांग्रेस के ही एक विधायक ने शरीयत की इजाजत नहीं होने के चलते वंदे मातरम का नारा लगाने से इंकार कर दिया।
यह मामला तब पैदा हुआ जब भोपाल मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने मंगलवार को सीहोर जिले के श्यामपुर में ऑल इंडिया मेव महासभा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वंदेमातरम कहने से इंकार कर दिया। इस कार्यक्रम में देशभर के कई प्रांतों से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शिरकत की।
Arif Masood, a Congress MLA in #MadhyaPradesh has courted controversy for refusing to recite #VandeMataram, saying it violated the tenets of Islamic Sharia law. https://t.co/kKKypfoXtT
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) March 1, 2019
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, इस कार्यक्रम में मसूद से पहले भाजपा के पूर्व विधायक रमेश सक्सेना ने अपने संबोधन की शुरुआत और अंत “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारे के साथ किया। सक्सेना हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
सक्सेना के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मसूद ने कहा कि पूर्व विधायक वंदे मातरम का नारा लगा सकते हैं लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि शरीयत मुझे इसकी इजाजत नहीं देती। मसूद ने कहा, ”मेव समाज की किताबें देखें। इसमें कई योद्धाओं का जिक्र है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना योगदान दिया।
कई ऐसे वीर योद्धा हुए जिन्होंने देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। आज भी हम इस मुल्क के लिए जान की बाजी लगाएंगे और कल भी।” उन्होंने कहा कि लेकिन अफसोस होता है कि वंदे मातरम का नारा लगाकर यह साबित करना पड़ता है कि हम कितने वफादार हैं।
कार्यक्रम में बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मसूद ने कहा कि हमारे देश की इज्जत पूरी दुनिया में है, क्योंकि देश में हर धर्म के लोग पूरी आजादी से रहते हैं। वंदे मातरम गाने की जिद वे कर रहे हैं जो अंग्रेजों से माफी मांगकर भाग गए थे। उन्होंने कहा, ”मैं शरियत का पाबंद हूं।
मैं क्यों बोलूं , देश के लिए जान देने को तैयार हूं। बॉर्डर पर जाने को तैयार हूं। गानों और नारों से कुछ नहीं होता, बार्डर पर सेना लड़ती है, नेता नहीं। एक गाना गाने से यह समझा जाए की मुल्क के कितने वफादार हैं, तो यह जानकर अफसोस होता है।”