इंडोनेशिया में गैरकानूनी तरीके से क्यों जा रहे हैं बांग्लादेश, क्या मानव तस्करी का खतरा है?

   

इंडोनेशिया की पुलिस को एक दुकान में बंद किए गए 193 बांग्लादेशी लोग मिले हैं. इंसानी तस्करों ने उन्हें वहां बंद रखा था जो मलेशिया में अच्छी नौकरी का झांसा देकर उन्हें लाए थे.

मामला इंडोनेशिया के शहर मेदान का है. उत्तरी सुमात्रा के इमिग्रेशन प्रमुख मोनांग सिहिते ने बताया कि दुकान में बंद बांग्लादेशी लोग टूरिस्ट के तौर पर इंडोनेशिया के बाली और योग्यकर्ता शहर में पहुंचे थे. लेकिन उनका इरादा मलेशिया जाना था.

उन्होंने बताया, “वे इंसानी तस्करी के पीड़ित हैं जिन्हें झांसा देकर यहां लाया गया है.” सिहिते ने बताया कि इन लोगों का स्वास्थ्य ठीक है और अब उन्हें एक इमिग्रेसन डिटेंशन सेंटर में भेजा गया है. वहां से उन्हें वापस बांग्लादेश भेजा जाएगा.

इनमें 39 साल का महबूब भी शामिल है, जिसके हवाले से एक ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘ट्रिब्यून मेदान’ ने लिखा है कि कुछ लोग तो तीन महीनों से वहां बंद थे. महबूब ने कहा, “हम सब को ठगा गया है. हमें मलेशिया ले जाने का वादा किया गया था. हम बांग्लादेश से बाली पहुंचे और बस में चार दिन सफर करने के बाद यहां पहुंचे हैं.”

डी डब्ल्यू हिन्दी के अनुसार, मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि दुकान के आसपास रहने वाले लोगों ने वहां से आने वाली अजीब सी आवाजें सुनने के बाद पुलिस को खबर दी.

सिहिते कहते हैं कि ये लोग रोहिंग्या मुसलमान नहीं हैं. हाल के दिनों में बहुत से रोहिंग्या लोग नौकाओं पर सवार होकर इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पहुंचे हैं, जिनमें से ज्यादातर मलेशिया जाना चाहते हैं. म्यांमार में हिंसा से बचने के लिए लाखों रोहिंग्या लोग बांग्लादेश और दूसरे देशों में गए हैं.

म्यांमार रोहिंग्या लोगों को अवैध बांग्लादेशी प्रवासी मानता है और इसलिए उन्हें म्यांमार की नागरिकता नहीं दी गई है. इनमें सबसे ज्यादा लगभग सात लाख लोगों ने बांग्लादेश में शरण ली है.