इजरायल के लिए ईरान इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती, रिपोर्ट में खुलासा!

   

इस्राईल की सुरक्षा एजेन्सी आईएनएसएस ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि सन 2019 में हालांकि ईरान यथावत इस्राईल के लिए सब से बड़ी चुनौती बना रहेगा लेकिन इलाक़े में हालात तनाव ग्रस्त होने की वजह से , इस्राईल के खिलाफ कई मोर्चे खुल सकते हैं।

इस्राईल की यह संस्था इस शासन के लिए सुरक्षा व सैन्य दृष्टि से चुनौतियों का आंकलन करती है। इस्राईल की इस संस्था ने सन 2019 के लिए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस्राईल को इस साल , व्यापक युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए और हो सकता है कि वह लेबनान या ईरान पर सीधे रूप से हमला करने पर भी वह विवश हो जाए।

इस्राईली समाचार पत्र यरुश्लम पोस्ट में प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्राईल के सामने सब से हंगामे वाले मोर्चे , सीरिया, लेबनान और गज़्ज़ा पट्टी में खुले हैं और तीनों मोर्चों पर एक साथ या अलग अलग टकराव की आशंका बहुत अधिक है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सन 2019 में इस्राईल के लिए सब से अधिक गंभीर खतरा और व्यापक युद्ध की आशंका, उत्तरी मोर्चे पर है जहां होने वाले युद्ध में हिज़्बुल्लाह, सीरिया और ईरान भाग लेंगे और उसके परिणाम दक्षिणी इस्राईल तक को अपनी लपेट में ले लेंगे और उसके बाद हमास और अन्य फिलिस्तीनी गुट ग़ज़्ज़ा पट्टी से कार्यवाही आंरभ कर देंगें।

इस्राईल की सुरक्षा संस्था आईएनएसएस ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के खिलाफ कड़ी नीति अपनायी है क्योंकि अमरीका का मानना है कि क्षेत्र में ईरान का रवैया, उसके रणनीतिक घटकों अर्थात इस्राईल और सऊदी अरब के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमरीका ज़बानी धमकियों के बावजूद अभी ईरान से सैनिक टकराव के लिए तैयार नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम यह समझें कि अमरीका ईरान के खिलाफ अपनी कार्यवाहियों में कूटनीति और अर्थ व्यवस्था के दायरे में ही ध्यान देता है और वह सैन्य टकराव के लिए तैयार नहीं है और अमरीका की इस इच्छा का पता , सीरिया से अमरीकी सैनिकों की वापसी के ट्रम्प के फैसले से चलता है।

इस इस्राईली संस्था ने सलाह दी है कि इस्राईल को अमरीका के साथ विचार विमर्श करते रहना चाहिए ताकि ईरान पर अंकुश लगाया जा सके और यदि ईरान ने परमाणु समझौते का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ संयुक्त कूटनीतिक व सैनिक योजना तैयार रखना चाहिए।

इस्राईली संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्राईल को ईरान और हिज़्बुल्लाह से सीधे रूप से टकराने के लिए तैयार रहना चाहिए और चूंकि हमास के खिलाफ पिछले युद्धों में उसे भारी नुक़सान नहीं पहुंचाया गया है इस लिए अब आने वाले टकराव में इस्राईल को उसकी क़ीमत अदा करना होगी।

यरुश्लम पोस्ट ने लिखा है कि आईएनएसएस के प्रमुख आमूस यादलीन ने रिपोर्ट पेश करते समय चेतावनी है कि इलाक़े में गठबंधनों की दशा में बड़े बदलाव आ सकते हैं और यह कि ईरान आज भी तेलअबीब के लिए सब से बड़ा खतरा है लेकिन मध्य पूर्व में इस्राईल के लिए नये नये खतरे भी उभर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महमूद अब्बास के बाद पश्चिमी तट में फिलिस्तीन बड़ा आंदोलन आरंभ कर सकते हैं।

साभार- ‘parstoday.com’