इजरायल के लिए खतरा: फलस्तीनी संघर्षकरताओं के हाथों आया ताक़तवर मिसाइल!

   

फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी संगठन जिहादे इस्लामी आंदोलन के ग़ज्ज़ा स्थित सैन्य ठिकाने का पहली बार ईरानी टीवी चैनल अल-आलम की पत्रकार ने दौरा करके वहां के कुछ महत्वपूर्ण दृश्यों को अपने कैमरे में क़ैद किया है।

इसरा अल-बहीसी ने अपनी आने वाली डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म में जिहादे इस्लामी की सुरंगों और मिज़ाइल कारख़ानों का भी निकट से जायज़ा लिया।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, अल-आलम टीवी चैनल के कैमरे ने सुरक्षा के सभी नियमों को ध्यान में रखकर फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी संगठन की सैन्य ताक़त को दुनिया के सामने पेश करने का प्रयास किया है।

हालिया दिनों में जिहादे इस्लामी और हमास के मिसाइलों की गरज ने इस्राईलियों के दिलों में भय उत्पन्न कर दिया है और ज़ायोनी शासन फ़िलिस्तीनी प्ररितोधी संगठनों के सामने मजबूर नज़र आ रहा है।

अल-आलम की पत्रकार ने अपनी फ़िल्म में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी आंदोलन के मिसाइलों की विशेषताओं और इंजीनियरिंग की भी समीक्षा की है।

इस फ़िल्म में जिहादे इस्लामी के मिसाइल फ़ज्र-1-2-3-5 और इसी तरह बद्र-1 को दिखाया गया है। जिहादे इस्लामी की स्थापना 1979 में शहीद फ़तही शक़ाक़ी ने की थी, जो मिस्र के एक विश्वविद्यालय के छात्र थे।

उन्होंने ईरान की इस्लामी क्रांति से प्रभावित होकर इस्राईली अत्याचारों के ख़िलाफ़ प्रतिरोध का संकल्प लिया था।