इरफान पठान समेत 100 खिलाडियों से फौरन घाटी छोड़ने की अपील !

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भारत के ऑलराउंडर खिलाड़ी इरफान पठान और जम्मू-कश्मीर क्रिकेट टीम के अन्य सहयोगी स्टाफ से अनुरोध किया गया है कि, भारत सरकार द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों के मद्देनजर वे सभी जल्द से जल्द से घाटी छोड़ दें। पठान जम्मू-कश्मीर टीम से जुड़े हुए हैं। कोच मिलाप मेवड़ा और ट्रेनर सुदर्शन वीपी भी रविवार को राज्य छोड़ सकते हैं।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जेकेसीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैयद आशिक हुसैन बुखारी ने कहा कि, पठान और अन्य सहायक कर्मचारियों को जम्मू-कश्मीर छोड़ने की सलाह दी गई है। वे रविवार को घाटी से उड़ान भरेंगे। टीम के चयनकर्ताओं को भी अपने-अपने स्थानों के लिए रवाना होने के लिए कहा गया है।

यह घरेलू सत्र से पहले जम्मू-कश्मीर क्रिकेट के लिए बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि 17 अगस्त से दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट शुरू हो रहा है। इसके बाद 50 ओवर का घरेलू टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी भी खेला जाएगा और रणजी ट्रॉफी का लीग राउंड नौ दिसंबर से शुरू होने वाला है।

राज्य में मची उथल-पुथल ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के सभी क्रिकेट गतिविधियों को निलंबित करने और यहां तक कि 100 से अधिक क्रिकेटर्स को घर भेजने के लिए मजबूर किया है, जो श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में डेरा डाले हुए थे।

सैयद आशिक हुसैन बुखारी ने कहा कि, ‘हम पहले ही 100 से अधिक जम्मू के खिलाड़ियों को भेज चुके हैं, जो शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में डेरा डाले हुए थे। बुखारी ने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण है और यहां तक कि हमें यकीन नहीं है कि क्या होने वाला है, इसलिए हमने क्रिकेट गतिविधियों को स्थगित कर इसे फिर से शुरू करने के लिए सही समय का इंतजार करने का फैसला किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, जेकेसीए ने प्रैक्टिस शिविरों की आयोजन करने की योजना बनाई थी, जिसमें सीनियर और अंडर-23 क्रिकेटरों को आठ अलग-अलग टीमों को विभाजित करके अभ्यास मैच कराने की योजना भी शामिल थी।

जम्मू-कश्मीर के क्रिकेटर परवेज रसूल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, ‘हमने मंगलवार को एक चयन मैच खेला। अंडर-19 और अंडर-16 क्रिकेटर्स सहित जूनियर खिलाड़ी भी स्टेडियम में प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे थे। इसके अलावा जिला मुख्यालय स्तर पर भी मैच चल रहे थे। प्रतिभाओं की तलाश करने के लिए चयनकर्ता इन स्थानों का दौरा कर रहे थे, लेकिन अचानक आई ऐसी गतिविधियों के कारण अब रुकावट आ गई है।

राज्य में बने उथल-पुथल के माहौल के कारण घरेलू सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर क्रिकेट द्वारा आयोजित होने वाले मैचों पर भी संदेह जताया है। हालांकि, उस मामले पर बीसीसीआई की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।