इराक़ से संबंध रखने के लिए अमेरिका से हमें इजाजत लेने की जरूरत नहीं है- ईरान

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इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अपनी इराक़ यात्रा के तीसरे दिन नजफ अशरफ जाकर, इराकी शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरु आयतुल्लाह सीस्तानी से भेंट वार्ता की। आयतुल्लाह सीस्तानी ने बुधवार को होने वाली इस भेंट में दाइश के आतंकवादियों पर विजय में इराक़ के मित्रों की भूमिका को सराहा है।

इराक़ के वरिष्ठ धर्मगुरु आयतुल्लाहिल उज़मा सीस्तानी से राष्ट्रपति रूहानी की मुलाक़ात महत्वपूर्ण है। इस भेंट से यह सिद्ध हो गया कि ईरान व इराक़ के मज़बूत संबंधों को जनता , सरकार और वरिष्ठ धार्मिक नेतृत्व का भरपूर समर्थन प्राप्त है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, इराक़ में आयतुल्लाह सीस्तानी का स्थान, अत्याधिक विशेष और महत्वपूर्ण है और आतंकवाद के विरुद्ध इराक़ के युद्ध में उनकी भूमिका किसी से छुपी नहीं है।

आयतुल्लाह सीस्तानी ने आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध का आह्वान किया था जिसके परिणाम में इराक़ के स्वंय सेवी बल हश्दुश्शाबी का गठन हुआ और इस संगठन ने आतंकवादियों को इराक़ से खदेड़ने में निर्णायक भूमिका अदा की।

इसके अलावा भी इराक़ में वरिष्ठ धर्मगुरु की भूमिका अन्य क्षेत्रों में भी प्रभावशाली है इसी लिए आयतुल्लाह सीस्तानी से राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी की भेंट को महत्व पूर्ण कहा जा रहा है।

इस यात्रा के दौरान ईरान व इराक़ के मध्य पांच सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर और एक दूसरे के नागरिकों के लिए निशुल्क वीज़ा देने पर सहमति जैसे फैसले यह दर्शाते हैं कि ईरान व इराक़ के संबधों में कोई भी चीज़ बाधा उत्पन्न नहीं कर सकती।

ईरानी राष्ट्रपति की तीन दिवसीय इराक़ यात्रा और उसकी उपलब्धियों में अमरीका के लिए यह ठोस संदेश है कि दोनों पड़ोसी देश, परस्पर संबंधों में विकास की दिशा में मज़बूती के साथ क़दम बढ़ाते रहेंगे।

यही वजह है कि विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने अमरीकी विदेशमंत्रालय के अधिकारी ब्रायन हुक की तिलमिलाहट पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा है कि ईरान व इराक़ अपने संबंध बढ़ाने के लिए किसी से अनुमति नहीं लेंगे।

वास्तव में ईरान व इराक़ के संबंध, पड़ोसियों के साथ परस्पर सम्मान के आधार पर अच्छे संबंधों के लिए आदर्श हैं और इस प्रकार का सहयोग, निश्चित रूप से क्षेत्रीय शांति में सहायक सिद्ध होता है और इस से पूरे इलाक़े में एकता और एकजुटता को बल मिलेगा।