इलाहाबाद का मंसूर पार्क बना ‘शाहीन बाग’, महिलाएं लगा रही हैं इंक़लाबी नारे

   

दिल्ली के शाहीन बाग के बाद अब यूपी के इलाहाबाद में भी नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन ने ज़ोर पकड़ लिया है. इलाहाबाद के मंसूर पार्क में बीते 4 दिनों से लगातार महिलाओं का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. घरेलू महिलाओं के इस प्रदर्शन में लगातार आज़ादी कर नारे लग रहे हैं. इन महिलाओं को हटाने के लिए प्रशासन ने कई कोशिशें की लेकिन यह महिलाएं यहां से हटने को तैयार नहीं हैं. स्थिति यह है कि 27 नामज़द और 222 अज्ञात महिलाओं के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है लेकिन इस एफआईआर का भी प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ रहा.

महिलाओं ने धरने पर क्या कहा
नागरिकता कानून को लेकर जारी इस प्रदर्शन में शामिल महिलाओं का कहना है कि जबतक आर्कार नागरिकता कानून वापस नहीं ले लेती, तबतक वो इसी तरह धरने पर बैठी रहेंगी. इनका कहना है कि मोदी और अमित शाह को जवाब देना होगा कि कब ये कानून वापस होगा. महिलाओं में कई स्कूली बच्चियां भी शामिल हैं. जिनका कहना है कि इन्होंने स्कूल छोड़ इस प्रदर्शन में शामिल होने का फ़ैसला किया है ताक़ि सीएए का कानून वापस हो सके. वृद्ध महिलाओं ने कहा कि जैसे तैसे करके वो अपना घर भी चला रही हैं और धरने में भी शामिल हैं.

इंक़लाबी नारों वाले पोस्टर लेकर बैठी हैं महिलाएं
धरने में कई तरह के पोस्टर्स लगे हैं. इनमें सीएए के ख़िलाफ़ लगे पोस्टर्स के अलावा इंक़लाब के नारे भी पोस्टर्स में लगे हैं. साथ ही हिंसा न करने की अपील वाले पोस्टर्स भी मंसूर पार्क में लगाये गए हैं. चार दिनों से जारी यह धरना आगे भी चलता रहे, इसके लिए स्थानीय लोगों की तरफ से इंतज़ाम किये गए हैं. इन इंतज़ामों में खाने पीने की व्यवस्था के अलावा चाय और मेडिकल कैम्प भी शामिल है. ऐसे में ज़ाहिर तौर पर यह प्रदर्शन अब यूपी पुलिस और सरकार के लिए मुश्किलें पैदा करता दिख रहा है.