इससे पहले भी जो लोग देवबंद से पकड़े गए थे, वो दहशतगर्द नहीं थे- महमूद मदनी

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जमीअत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने वाराणसी में दिया बड़ा बयान। पुलवामा आतंकी हमले के बाद देवबंद से हुई गिरफ्तारी को गलत ठहराया। कहा कि इससे पहले भी जो लोग देवबंद से पकड़े गए थे वो दहशतगर्द नहीं थे। मौलाना ने कहा कि बीजेपी सरकार मुल्क को जिस रास्ते ले जाने की कोशिश कर रही है वह सरासर गलत है।

देवबंद पर कहा कि दो को क्यों गिरफ्तार किया गया। देवबंद से दो लोगों की गिरफ्तारी पर कहा कि पुलवामा प्रकरण के बाद नौ दिन बीत गए पर कुछ नहीं मिला। आगे भी नहीं मिलेगा। कहा, हम कोई सफाई नही पेश करेंगे। हालांकि हम कह सकते हैं।

लेकिन सरकार में बैठे लोग हों या और कोई उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि हम अपन शौक से खून बहाने को तैयार हैं पर जोर जबरदस्ती से नहीं। बड़े पुलिस अधिकारी या गृह मंत्री के कहने से कोई मुल्जिम नहीं हो सकता। मीडिया ट्रायल भी बंद होना चाहिए।

मौजूदा हालात में जिस तरह से किसी को मुल्जिम ठहराया जा रहा है वह गलत है। इस तरह तो न्यायालयों को बंद कर देना चाहिए। कहा कि मुसलमानों ने हमेशा कश्मीर पर किसी भी हमले का विरोध किया है।

जमीअत उलेमा-ए-हिंद के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने रविवार को वाराणसी पहुंचे मदनी ने पुलवामा प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हिंदुस्तान में आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक से कुछ बड़ा होना चाहिए।

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, चंद्रा चौराहा स्थित नानुपुर इलाके में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मौलाना ने कहा, पिछले 70 साल से मुसलमान सफाई दे रहा है। लेकिन अब नहीं। हालांकि वर्तमान हालात में भी वही हो रहा। पुलवामा हादसे के बाद उसे मुसलमानों ने भी रिजेक्ट किया। जुलूस निकाला, विरोध किया।

फिर भी देखने में आ रहा है कि मुल्क में ऐसी कोशिश कि जो भी हादसा हुआ है उससे मुसलमानों का कनेक्शन है। कहा कि, ये गलत है। हो सकता है हादसा करने वाले मुसलमान हों पर उसकी पूरी जिम्मेदारी सभी मुसलमानों पर नहीं डाली जा सकती। कश्मीर पर कहा किकश्मीरी के बगैर कश्मीर नहीं।

यह बर्दाश्त नहीं। उन्होंने प्रधानमंत्री के कश्मीरियों पर दिए बयान पर उनका शुक्रिया अदा किया। साथ ही कहा कि ऐसा कहने में भी उन्हें सात दिन लग गए। कहा कि मुसलमान जमात, उलेमा को जहर उगलने वालों से बचना चाहिए। लेकिन हमें इंसाफ की लड़ाई से पीछे नहीं हटना है।