इस्लाम धर्म में हेजाब का बहुत अधिक महत्व है। इस्लाम महिलाओं को पर पुरुष के सामने हेजाब करने और अपने शरीर को ढांकने पर बल देता है। दुनियाभर में मुस्लिम महिलाएं और बच्चियां हेजाब पहनी हैं और इसके लिए अनेक तरह के हिजाब और स्कार्फ़ माॅडल किए जाते हैं और रैप पर महिलाएं हेजाब पहन कर माडलिंग करती हैं।
ईरान, मलेशिया, इंडोनेशिया, तुर्की, सऊदी अरब, कुवैत, ओमान, दुबई जैसे मुस्लिम देशों में महिलाएं बड़े गर्व से हेजाब करती हैं। पश्चिमी प्रोपेगैंडों के विपरीत जिनमें कहा जाता है कि हेजाब महिलाओं को सीमित कर देता है किन्तु आज दुनिया देखकर रही है कि महिलाएं हेजाब पहनकर नौकरियां कर रही हैं जबकि हेजाब वाली डॉक्टर्स, इंजिनियर, नर्सों को भी देखा जा सकता है।
इस्लाम में हिजाब पहनने, सिर ढांकने, शालीन कपड़े पहनने तथा सभ्य रहने पर बल दिया गया है। अब प्रश्न यह होता है कि क्या हेजाब डे का उल्लेख किताबों या रिवायतों में मिलता है? इस प्रकार की कोई चीज़ रिवायतों या हदीसों में नहीं मिलती किन्तु यदि महिलाएं हेजाब डे मनाती हैं तो इसमें क्या बुराई है।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, हेजाब डे के रूप में वह शालीनता दुनिया भर में फैला रही है जो किसी भी अर्थ में ग़लत नहीं है। हेजाब डे सिर्फ एक मामूली दिन नहीं है बल्कि यह मुस्लिम महिलाओं के लिए बहुत ही विशेष दिन होता है।