इस देश के प्रधानमंत्री शनिवार को करते हैं मरीजों का इलाज!

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थिम्पू: भूटान में शनिवार है और लोटे त्शेरिंग ने जिग्मे दोरजी वांगचुक नेशनल रेफरल अस्पताल में एक मरीज पर मूत्र मूत्राशय की मरम्मत की सर्जरी पूरी की है।

भूटान के जिग्मे दोरजी वांगचुक नेशनल रेफरल अस्पताल में हर शनिवार को डॉक्टर लोते शेरिंग में मरीजों का इलाज करते हैं। आप सोच रहे होंगे कि इसमें खास बात क्या है, डॉक्टर का काम ही मरीजों का इलाज करना है। दरअसल, डॉक्टर शेरिंग कोई साधारण चिकित्सक नहीं हैं। वह ग्रॉस नेशनल हैपीनेस (सकल राष्ट्रीय सुख) को मापने के लिए प्रसिद्ध हिमालयी देश भूटान देश के प्रधानमंत्री भी हैं।

पिछले साल देश के प्रधानमंत्री चुने गए शेरिंग ने कहा, ‘मेरे लिए यह तनाव कम करने का तरीका है।’ 50 वर्षीय शेरिंग ने कहा, ‘कुछ लोग गोल्फ खेलते हैं, कुछ तीरंदाजी करते हैं और मुझे ऑपरेशन करना अच्छा लगता है। मैं अपना सप्ताहांत अस्पताल में बिताता हूं।’

जिगमे दोरजी वांगचुक नैशनल रेफरल अस्पताल का कोई कर्मी प्रधानमंत्री को देखकर हैरान नहीं होता। वहां शेरिंग का चिकित्सक के रूप में सेवाएं देना आम बात है। भूटान कई मामलों में दुनिया के अन्य देशों से अलग है और आर्थिक विकास की बजाए खुशहाली पर ध्यान केंद्रित करने को प्राथमिकता देता है। उसका सकल राष्ट्रीय खुशहाली का एक बड़ा कारण पर्यावरण संरक्षण है। इस खुशहाल देश के प्रधानमंत्री को मरीजों की सेवा करना खुशी देता है।

शेरिंग से सर्जरी कराने वाले 40 वर्षीय बमथाप का कहना है, ‘प्रधानमंत्री ने मेरा ऑपरेशन किया है। उन्हें देश के सबसे अच्छे चिकित्सकों में से एक माना जाता है। मुझे बहुत आराम महसूस हो रहा है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अस्पताल में मैं मरीजों की जांच करके उनका उपचार करता हूं और सरकार में मैं नीतियों के स्वास्थ्य की जांच करके उन्हें बेहतर बनाने की कोशिश करता हूं। मैं मरते दम तक ऐसा करता रहूंगा।’

भूटान कार्बन नेगेटिव देश है यानी सीधी भाषा में कहें, तो यहां प्रदूषण नहीं है। इसका संविधान कहता है कि देश का 60 प्रतिशत हिस्सा वनाच्छादित रहता है। यहां इकोटूरिज्म पर भी बड़ा है और पीक मौसम में यहां आने वाले हर सैलानियों से 250 डॉलर रोजाना का शुल्क लिया जाता है। राजधानी थिम्पू में कोई ट्रैफिक लाइट नहीं है, तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध है और टेलीविजन को यहां केवल 1999 में अनुमति दी गई थी।