इस साल 1,300 रोहिंग्या मुस्लिमों ने भारत छोड़ बांग्लादेश गए

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इस साल की शुरुआत से अब तक कम से कम 1300 रोहिंग्या मुसलमान भारत से बांग्लादेश पहुंचे हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। म्यांमार में सेना पर रोहिंग्या मुसलमानों पर ज्यादती का आरोप लगने के बावजूद हाल के हफ्तों में उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को म्यांमार भेजने के लिए नई दिल्ली को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है।

संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार समूहों ने भारत पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया। इंटर सेक्टर कोआर्डिनेशन ग्रुप (आईएससीजी) की प्रवक्ता एन बोस ने एएफपी से कहा कि तीन जनवरी से रोहिंग्याओं के आने की गति तेज हुई है। आज की तारीख तक 300 परिवारों के करीब 1300 लोग भारत से बांग्लादेश आ चुके हैं।

इंटर सेक्टर कोआर्डिनेशन ग्रुप (आईएससीजी) में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां और अन्य विदेशी मानवीय संगठन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नए आए लोगों को संयुक्त राष्ट्र ट्रांजिट केंद्र में रखा गया है। यूएनएचसीआर के प्रवक्ता फिरास अल खतीब ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी को स्थिति के बारे में जानकारी है। सीमा पार करके बांग्लादेश आए लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और कॉक्स बाजार भेज दिया। कॉक्स बाजार बांग्लादेश के दक्षिण का एक जिला है जहां दुनिया का सबसे बड़ा शरणार्थी शिविर है।