ईरानी राष्ट्रपति ने की पाकिस्तानी पीएम से बात, कहा- ‘आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी’

   

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी से टेलीफ़ोनी वार्ता में आपसी सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया और साथ ही भारत पाक तनाव को कम करने के लिए इस्लामाबाद की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।

दोनों नेताओं ने संयुक्त सीमा पर होने वाली आतंकी घटनाओं और पाकिस्तान के भीतर आतंकी तत्वों के ठिकाने के बारे में बातचीत करते हुए इस बात पर सहमति की कि आतंकवाद का सफ़ाया करने के लिए क़रीबी इंटैलीजेन्स सहयोग किया जाए।

डाक्टर हसन रूहानी ने कहा कि दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है कि आतंकियों को यह अवसर न दें कि वह अन्य देश के हाथ का हथकंडा बनकर तेहरान इस्लामाबाद संबंधों को ख़राब करें।

डाक्टर रूहानी ने कहा कि ईरान को भलीभांति पता है कि आतंकी गुट पाकिस्तान की धरती का उपयोग करके ईरान की जनता पर आतंकी हमले करते हैं और तेहरान को यह भी पता है कि उनके ठिकाने कहां हैं। डाक्टर रूहानी ने कहा कि ईरान को पाकिस्तान की ओर से इन आतंकी संगठनों के ख़िलाफ़ ठोस कार्यवाही की प्रतीक्षा है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि ईरान इन आतंकियों का अंत करने के लिए पाकिस्तान की सरकार और सेना के साथ सहयोग के लिए तैयार है जिनका अस्तित्व ईरान, पाकिस्तान और क्षेत्र किसी के भी हित में नहीं है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आतंकियों के ठिकानों के बहुत क़रीब पहुंच चुके हैं और पाकिस्तान की सरकार तथा सेना आतंकियों का सफ़ाया करने के लिए हर संभव क़दम उठाएगी और इन आतंकियों को यह मौक़ा नहीं देगी कि वह पाकिस्तान की धरती का प्रयोग करके पड़ोसियों विशेष रूप से ईरान की जनता को निशाना बनाएं।

इमरान ख़ान ने कहा कि बहुत जल्द इन आतंकियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही के बारे में ईरान को बहुत अच्छी ख़बरें मिलेंगी। उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि मैं बहुत जल्द ईरान का दौरा करूंगा क्योंकि इस्लामाबाद सभी क्षेत्रों में ईरान से अपने संबंधों का विस्तार करना चाहता है।

इमरान ख़ान ने गत 13 फ़रवरी को आईआरजीसी की थल सेना के जवानों की बस पर होने वाले आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और इस हमले में 27 जवानों की शहादत पर गहरा दुख जताया।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ईरान के राष्ट्रपति को भारत के साथ हालिया स्थिति के बारे में भी बताया और नई दिल्ली के साथ संबंधों को बहाल करने तथा वार्ता से तनाव कम करने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों के बारे में बताया।