ईरान पर लगे प्रतिबंध में अब भारत और चीन जैसे देशों को छूट नहीं मिलेगा- अमेरिका

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अमेरिका ने ईरान से तेल खरीदने की कुछ देशों को अब तक मिल रही छूट को खत्म करने का फैसला लिया है। छूट पाने वाले देशों में भारत भी शामिल है, अमेरिकी फैसले से दुनिया भर में तेल महंगा होने की आशंका है।

अमेरिका ने कहा है कि ईरान पर लगे प्रतिबंधों में चीन और भारत जैसे देशों को मिल रही छूट को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। यह फैसला ट्रंप प्रशासन की “अत्यधिक दबाव नीति” के तहत लिया गया है, जिसका मकसद ईरान की तेल निर्यात से होने वाली कमाई को रोकना है।

अमेरिका कहता रहा है कि ईरान अपनी तेल की कमाई का इस्तेमाल मध्य पूर्व और बाहरी इलाकों में अस्थिरता फैलाने के लिए करता है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि छूट की समय सीमा 2 मई को समाप्त हो रही है, जिसके बाद किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।

पोम्पियो ने कहा, “मकसद साफ है, ईरान को ऐसे पैसे से दूर रखना जिसका इस्तेमाल वह दशकों से मध्य पूर्व में अस्थिरता लाने के लिए करता रहा है।

साल 2015 के ऐतिहासिक परमाणु समझौते से बाहर निकलने के बाद अमेरिका ने नवंबर में ईरान से तेल आयात पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिया था।

हालांकि ईरान से तेल खरीदने वाले आठ प्रमुख देशों को इस प्रतिबंध में छूट देते हुए उन्हें छह महीने तक ईरान से तेल आयात जारी रखने की अनुमति मिली थी। इन देशों में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, तुर्की, इटली और ग्रीस शामिल थे।

ईरान ने अमेरिका के इस फैसले को गैरकानूनी बताया है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान अपने यूरोपीय और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ बातचीत और परामर्श कर रहा है, जिसके बाद ही कोई जरूरी फैसला लिया जाएगा।

वहीं सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद-अल-फलीह ने कहा है कि उनका देश अन्य तेल उत्पादकों के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि दुनिया में तेल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

अमेरिकी फैसले से दुनिया भर में तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। ईरान के मुद्दे पर अमेरिका से असहमति के बावजूद भारत-अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं, लेकिन अमेरिका का यह फैसला चीन और तुर्की के साथ उसकी तल्खी बढ़ा सकता है। वहीं ग्रीस, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान पहले ही ईरान के साथ तेल कारोबार को न्यूनतम स्तर पर ला चुके हैं।

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी