ईवीएम हैकिंग के दावा के बाद गोपीनाथ मुंडे के भतीजे ने की मांग, RAW से कराएं जांच, कैसे हुई मुंडे की मौत

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पिछले लोकसभा चुनावों में ईवीएम हैकिंग की जानकारी होने के कारण बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की हत्या का साइबर विशेषज्ञ द्वारा दावा किए जाने के बाद बीजेपी नेता के भतीजे और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने सोमवार को मामले की जांच रॉ या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की।

महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता मुंडे ने अमेरिका में रह रहे भारतीय साइबर विशेषज्ञ के दावे पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि गोपीनाथ मुंडे से प्रेम करने वालों ने उनकी मृत्यु पर हमेशा सवाल उठाया है। धनंजय ने सवाल करते हुए कहा कि यह दुर्घटना थी या कोई साजिश, इसकी जांच कराई जानी चाहिए। एनसीपी नेता ने ट्वीट किया है, एक साइबर विशेषज्ञ ने सनसनीखेज दावा किया है कि गोपीनाथ राव मुंडे साहेब की हत्या की गई। इन दावों की तुरंत रॉ/उच्चतम न्यायालय से जांच कराने की जरूरत है क्योंकि यह एक जननेता से जुड़े हैं।

साइबर एक्सपर्ट ने किया था मुंडे की हत्या होने का दावा
बता दें कि सोमवार को ही एक अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक किया जा सकता है। लंदन में चल रही हैकथॉन में इस साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया है कि बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की 2014 में हत्या की गई थी। एक्सपर्ट सईद सूजा का कहना है कि मुंडे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक करने के बारे में जानकारी रखते थे। भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को डिजाइन करने वाले एक्सपर्ट ने यह भी दावा किया है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी धांधली हुई थी।

एक्सपर्ट ने किए कई और दावे
एक्सपर्ट ने दावा किया कि इस मशीन को ब्लूटूथ की मदद से हैक नहीं किया ला सकता है। ग्रेफाइट आधारित ट्रांसमीटर की मदद से ही ईवीएम को खोला जा सकता है। इन ट्रांसमीटरों का इस्तेमाल 2014 के चुनाव में भी किया गया था। एक्सपर्ट का दावा है कि कोई व्यक्ति ईवीएम के डेटा को मैन्युपुलेट करने के लिए लगातार पिंग कर रहा था। 2014 में बीजेपी के कई नेताओं को इस बारे में जानकारी थी। जब उन्होंने एक अन्य बीजेपी नेता तक यह बात पहुंचाई तो उनके साथ काम करने वाले व्यक्ति की हत्या करवा दी गई।