उन्नाव से अरुण सिंह को भाजपा ने दिया पंचायत अध्यक्ष का टिकट, बवाल होने पर काटा

   

उन्नाव, 24 जून । पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर भले जेल में हो, पर उनका साया अभी भी उन्नाव में लोगों को पीछा नहीं छोड़ रहा है। कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर को जिला पंचायत सदस्य के रूप में वार्ड नम्बर 22 फतेहपुर चौरासी से टिकट मिलने और कटने के बाद अब भाजपा से सेंगर के करीबी अरुण सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित होने के बाद बवाल होने पर उनका भी टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह पूर्व एमएलसी अजीत सिंह की पत्नी शकुन सिंह को अब जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाया गया है।

ज्ञात हो कि माखी दुष्कर्म कांड की पीड़िता ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो जारी कर भाजपा शीर्ष नेतृत्व से अरुण सिंह का टिकट काटने का अनुरोध किया था।

भाजपा के जिला अध्यक्ष राज किशोर रावत ने जारी विज्ञप्ति में बताया की भाजपा उन्नाव द्वारा प्रदेश और क्षेत्र के नेतृत्व के निर्देश पर पंचायत चुनाव 2021 के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए घोषित प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्य अरुण सिंह की भाजपा प्रत्याशिता को निरस्त किया जाता है। उनकी जगह वार्ड संख्या 22 फतेहपुर चौरासी तृतीय से जिला पंचायत सदस्य शकुन सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित किया गया है।

अरुण के प्रत्याशी बनाए जाने के कुछ देर बाद से ही सोशल मीडिया में एक 2 मिनट 4 सेकंड का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें माखी रेपकांड की पीड़िता हाथ में यह कागज लेकर सरकार से मांग कर रही है कि अरुण सिंह का टिकट वापस लिया जाए। आरोप लगाया है कि अरुण सिंह विधायक के सहयोगी थे और उसके साथ और उसके पिता के साथ हुई घटना में शामिल थे। वीडियो में पीड़िता ने कहा कि भाजपा उन लोगों को टिकट दे रही है जो उसे जान से मारना चाहते हैं। काफी बवाल के बाद उनका अरुण सिंह का टिकट काट दिया गया है।

बुधवार रात टिकट की घोषणा होने की सूचना के बाद दुष्कर्म पीड़ित का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हुआ।

भारतीय जनता पार्टी ने औरास द्वितीय से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य अरुण सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी घोषित किया गया था।

गौरतलब है कि 2017 के उन्नाव रेप केस में गिरफ्तार कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई गयी थी। इसके अलावा उन्हे पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में भी 10 साल की सजा मिली है। भाजपा ने 2019 में चार बार विधायक रह चुके सेंगर को पार्टी से बाहर निकाल दिया था। उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।

–आईएएनएस

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