सहारनपुर : टीएमसी की सांसद व बंगाली फिल्मों की अभिनेत्री नुसरत जहां इन दिनों मौलानाओं के निशाने पर हैं। सिंदूर लगाने और मंगलसूत्र पहनने को लेकर उलेमाओं के निशाने पर आईं नुसरत जहां अब भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में भाग लेने पर एक बार फिर चर्चाओं में हैं। इस्कॉन द्वारा कोलकाता में जगन्नाथ रथयात्रा में विशेष आमंत्रण पर नुसरत ने अपने पति के साथ रथयात्रा में भाग लिया। इस पर फतवा ऑनलाइन के प्रभारी मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि मुसलमान किसी दूसरे धर्म की निशानी या गतिविधियों में भाग नहीं ले सकता है।
मजलिस इत्तेहाद-ए-मिल्लत के प्रदेशाध्यक्ष मुफ्ती अहमद गौड़ ने कहा, “नुसरत जहां अगर यह इकरार करें कि उन्होंने मुस्लिम धर्म छोड़ दिया है, तो फिर वह कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन अगर वह मुसलमान हैं तो मुस्लिम धर्म के अनुसार जिंदगी गुजारें और इस्लाम मजहब के हिसाब से इबादत करें। यदि वह किसी दूसरी तरह से इबादत करती है, तो वह गुनहगार हैं।” जमीयत दावतुल मुसलिमीन के संरक्षक मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि शरीयत के अनुसार, इस्लाम में रहते हुए मुसलमान केवल अल्लाह की इबादत कर सकता है।
इससे पहले भी देवबंद के धर्मगुरुओं ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां के खिलाफ साड़ी, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनकर संसद में शपथ लेने पर फतवा जारी किया गया था। देवबंद के धर्मगुरुओं का कहना था कि मुस्लिम लड़कियों को सिर्फ मुस्लिम लड़कों से ही निकाह करना चाहिए।. मुस्लिम धर्मगुरु असद वसमी ने कहा था, “जांच के बाद पता चला कि नुसरत ने जैन धर्म के युवक से शादी की है। इस्लाम कहता है कि मुस्लिम की शादी मुस्लिम से होनी चाहिए।” गौरतलब है कि नुसरत ने 19 जून को कोलकाता के कारोबारी निखिल जैन से तुर्की में हिंदू रीति-रिवाज से शादी की थी। इसके बाद वह मंगलसूत्र पहनने लगीं और सिंदूर लगाने लगीं। नुसरत के हिंदू शख्स से विवाह करने और मंगलसूत्र पहनने को लेकर मौलवी ने ऐतराज जताया था।
उधर, नुसरत जहां बोली थी कि मैं किस धर्म का पालन करूंगी, यह फैसला लेने का अधिकार सिर्फ मेरा है। मैं मुस्लिम धर्म का पालन करती हूं, लेकिन मेरे मन में सभी धर्मों के लिए समान श्रद्धा है। मैं और मेरे पति निखिल, दोनों ही अपने-अपने धर्म का पालन कर रहे हैं। गौरतलब है कि शादी के बाद नुसरत संसद में शपथ लेने पहुंची तो मांग में सिंदूर और मंगलसूत्र पहना हुआ था। बता दें कि वो पश्चिम बंगाल के बशीरहाट से सांसद हैं। वह 3़5 लाख वोटों से जीती थीं।