एआईएमआईएम नेता वारिस पठान के खिलाफ एफआईआर दर्ज

   

भड़काऊ भाषण देने वाले एआईएमआईएम नेता वारिस पठान के खिलाफ कलबुर्गी पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने दंगा भड़काने के इरादे से लोगों को उकसाने के मामले में धारा 117 एवं 153 के तहत और दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए आईपीसी की धारा 153ए के तहत केस दर्ज किया है।

बता दें कि कर्नाटक के कलबुर्गी में 16 फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में आयोजित एक रैली में कहा था कि हमें साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा। हमें आजादी चाहिए, इस तरह की चीजें हमें केवल मांगने से नहीं मिलती है, हमें इसे छीनना पड़ता है। यहां रखना हम 15 करोड़ हैं लेकिन 100 करोड़ पर भारी है। पठान का यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।

इस विवादित बयान को लेकर नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। संवाददाताओं से बात करते हुए, एआईएमआईएम महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि हमारी पार्टी वारिस पठान द्वारा दिए गए बयान का समर्थन नहीं करती हैं।

पार्टी उनके इस बयान को लेकर उनसे जवाब मांगेगी। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो,हम पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को बयान देते हुए क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना हैं, इसके लिए गाइडलाइन लेकर आएंगे।

इस बयान पर उलमा ने भी कड़ा एतराज जताया है। उलमा का कहना है कि वारिस पठान हों या फिर कोई और नेता राजनीति की खातिर इस तरह की जहरीली जुबान का इस्तेमाल कर वह मुल्क के अमनो अमान को बरबाद करना चाहते हैं। वारिस पठान को अपना बयान वापस लेकर देश से माफी मांगनी चाहिए।

शुक्रवार को वारिस पठान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद के उपाध्यक्ष मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि वारिस पठान हों या फिर किसी दूसरे दल के नेता उन्हें मुल्क में नफरत फैलाने वाले, अमनो अमान को बरबाद करने वाले और आपसी भाईचारे को समाप्त करने वाले जहरीले बयान देने से बाज आना चाहिए। देश में सबसे ज्यादा जरूरत आपसी भाईचारे को मजबूत करने की है जिसके लिए सभी को कोशिशें करनी चाहिए।

कोल्हापुर के एक कार्यक्रम के दौरान जावेद अख्तर ने वारिस पठान पर जमकर हमला बोला। उन्होंने वारिस पठान को मुस्लिम लीग की मानसिकता वाला बताया। जावेद अख्तर ने कहा, आजादी के बाद भी देश में मुस्लिम लीग की मानसिकता पूरी तरह नहीं गई थी और इसका उदाहरण वारिस पठान जैसे लोग हैं। तुम किसके नौकर हो… तुम्हें 15 करोड़ मुसलमानों का ठेका किसने दिया है?’