एक के बाद एक मस्जिदों पर हमला: क्या प्लानिंग के तहत की जा रही है?

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पश्चिमी देशों द्वारा लगातार इस्लामोफ़िया की भड़काई जा रही आग अब धीरे-धीरे विकराल रूप लेती जा रही। न्यूज़ीलैंड में मस्जिदों पर हुए आतंकी हमले के बाद लंदन की मस्जिदों पर हमले हुए और अब अमेरिका में एक मस्जिद को आग लगा दी गई है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, अमेरिका में दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया की एक मस्जिद में आतंकियों ने आग लगा दी है। मस्जिद में आग लगाने वाले आतंकियों ने घटनास्थल पर एक पत्र भी छोड़ा है जिसमें न्यूज़ीलैंड में हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया गया है।

कैलिफ़ोर्निया के स्थानीय प्रशासन ने बताय है कि घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ है और इस्लामिक सेंटर ऑफ़ एस्कोंदिदो के सदस्यों ने दमकल कर्मियों के पहुंचने से पहले ही आग को बुझा दिया था। अधिकारियों ने बताया कि घटना की जांच आगज़नी और घृणा अपराध की आशंका के तौर पर की जा रही है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, पुलिस लेफ्टिनेंट क्रिस लिक ने बताया कि मस्जिद के पार्किंग स्थल से एक पत्र मिला है जिसमें इसी महीने न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हुए आतंकी हमले का उल्लेख है।

उन्होंने इस बात की अधिक जानकारी नहीं दी कि पत्र में क्या लिखा है। जांचकर्ताओं ने संदिग्ध के बारे भी जानकारी साझा नहीं की, पुलिस ने केएनएसडी टीवी को बताया कि घटना के समय मस्जिद में सात लोग मौजूद थे। उन्होंने दमकल कर्मियों के पहुंचने से पहले अग्निशामक से आग को बुझा दिया था।

ज्ञात रहे कि 15 मार्च 2019 शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में दो मस्जिदों पर एक आतंकवादी ने अंधाधुंध फ़ायरिंग करके हमला किया था जिसमें 50 लोग शहीद हुए और 50 के क़रीब घायल हुए थे।

न्यूज़ीलैंड की मस्जिदों पर आतंकवादी हमला करने वाला आतंकी ब्रेंटन टैरेंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का समर्थक है और उसने आतंकी हमले से पहले ट्रम्प की जमकर तारीफ़ की थी।