केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली में जनगणना भवन की आधारशिला रखी। इस अवसर पर शाह ने सभी नागरिकों के लिए एक देश एक पहचान पत्र का विचार रखा।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, इसमें आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक खाते जैसी सभी सुविधाएं एक ही पहचान पत्र से जुड़ी होंगी। उन्होंने कहा कि जनगणना की पूरी बिल्डिंग ग्रीन बिल्डिंग होगी। भारत में ग्रीन बिल्डिंग के कॉन्सेप्ट को अपनाने की जरुरत है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, अमित शाह ने कहा कि सन 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है। 2021 में जो जनगणना होगी इसमें हम मोबाइल एप का भी प्रयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि जनगणना का डिजिटल डेटा होने से अनेक प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए जनगणना आधार है।
गृहमंत्री ने कहा कि साल 2014 में नरेन्द्र मोदी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव होने लगा। देश को समस्याओं से मुक्त किया जाए, ऐसी प्लानिंग की शुरुआत 2014 के बाद हुई। इससे जनगणना रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई।