ऐमनेस्टी के विडियो में नसीरुद्दीन शाह ने अभिव्यक्ति की आजादी पर फिर मोदी सरकार को घेरा

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ऐमनेस्टी इंटरनैशनल के ऐम्बैसडर बने बॉलिवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह >ने एकबार फिर केंद्र पर अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने का आरोप लगाया और लोगों से अपील कि वे नए साल पर संविधान के मूल्यों के लिए खड़े हों।

उन्होंने कहा कि आज देश में नफरत और जुल्म का बेखौफ नाच चल रहा है और जो लोग इनके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उनकी आवाज रेड डालकर, अकाउंट सील कर दबाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि ईडी ने बेंगलुरु स्थित ऐमनेस्टी इंटरनैशनल के दफ्तर पर छापेमारी मारी की थी।

ईडी एफसीआरए और अन्य उल्लंघनों के संबंध में छापेमारी की थी। बता दें कि नसीरुद्दीन का यह बयान बुलंदशहर हिंसा पर उनकी प्रतिक्रिया के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता होती है।

ऐमनेस्टी की तरफ से जारी एक कैम्पेन विडियो को ट्वीट किया गया है जिसमें नसीरुद्दीन संविधान और आजाद भारत की बात कर रहे हैं। वह विडियो में कह रहे हैं कि जो संविधान को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी आवाज ताकतवर लोगों द्वारा दबाई जा रही है। विडियो संदेश में नसीरुद्दीन ने कहा, ‘देश के संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया गया। जहां शुरुआती सत्र में ही इसके उसूल को स्पष्ट कर दिया गया।

जिसका मकसद देश के हर नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और सियासी इंसाफ देना था। जिसमें लोगों को सोचने, बोलने और धर्म की आजादी मिले। हर इंसान को बराबर समझा जाए। हर इंसान के जान और माल की इज्जत की जाए।’

उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन जो लोग गरीबों के घरों , जमीनों और रोजगार को बचाने की कोशिश करते हैं, जिम्मेदारियों के साथ हुकूक की बात करते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं, वे उसी कानून की रखवाली कर रहे होते हैं। लेकिन अब हक के लिए आवाज उठाने वाले जेलों में बंद हैं। कलाकार, फनकार और शायर हर किसी के काम पर रोक लगाई जा रही है। यहां तक कि पत्रकारों को भी खामोश किया जा रहा है। मजहब के नाम पर नफरत की दीवारें खड़ी की जा रही हैं। मासूमों का कत्ल किया जा रहा है। देश में नफरत और जुल्म का बेखौफ नाच जारी है।’

नसीर ने कहा, ‘जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने वालों के दफ्तरों पर रेड डालकर लाइसेंस रद्द कर बैंक अकाउंट फ्रीज कर खामोश किया जा रहा है। ताकि वे सच न बोलें। क्या हमारे संविधान की यही मंजिल है। क्या हमने ऐसे ही देश का सपना देखा था। जहां सिर्फ अमीर और ताकतवर की आवाज सुनी जाए और गरीबों और कमजोरों को कुचला जाए। जहां ऐन (कानून) था उधर अब अंधेरा।’

‘अबकी बार मानव अधिकार’ हैशटैग के साथ शेयर इस विडियो ट्वीट में लिखा गया है, ‘2018 में भारत में अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ काफी कार्रवाई हुई। चलें, इस साल अपने संवैधानिक मूल्यों के लिए खड़े हों और केंद्र सरकार को कहे दें कि अब ये कार्रवाई बंद होनी चाहिए।’

उधर, इस विडियो को जारी करने के बाद ऐमनेस्टी इंडिया के सीईओ आकार पटेल ने भी बयान जारी किया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लग सकता है कि देश में इस वक्त मानवाधिकार के रक्षकों और सिविल सोसायटी के सामने अड़चनें हैं, लेकिन मानवाधिकार हमेशा जीतता आया है और इस बार भी जीतेगा। हम नसीर का आभार जताते हैं कि वे अनगिनत मानवाधिकार की रक्षा करने वालों के साथ आए हैं जो कि हमलों और प्रताड़ना के बाद भी सभी लोगों के न्याय, आजादी, समानता और सम्मान के लिए लड़ रहे हैं। जो कि सच्चे हीरो हैं।’