ओडिशा : कांग्रेस, वामपंथी दल भारत बंद में हुए शामिल

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भुवनेश्वर, 8 दिसंबर । ओडिशा के सैकड़ों वामपंथी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को केंद्र की ओर से पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में भाग लिया।

कांग्रेस, वामपंथी दलों, विभिन्न किसान संगठनों और ट्रेड यूनियनों सहित आठ राजनीतिक दलों ने भारत बंद का समर्थन किया, जिसकी वजह से यहां आम जन-जीवन प्रभावित हुआ।

प्रदर्शन की वजह से, कई बैंक, सरकारी कार्यालय और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

प्रदर्शनकारियों ने राज्य भर में कई स्थानों पर सड़क जाम किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भुवनेश्वर में बाइक रैली भी निकाली।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने केंद्र से नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की।

उन्होंने कहा, देश में 60 प्रतिशत से अधिक लोग कृषि गतिविधियों पर निर्भर हैं। अगर उनकी अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है, तो देश प्रगति नहीं करेगा। मोदी सरकार कॉरपोरेट को लाभान्वित करना चाहती है। हम कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहते हैं। लोगों ने भारत बंद को पूर्ण समर्थन दिया है।

उन्होंने सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और क्षेत्रीय पार्टी दोनों एक दूसरे का समर्थन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, पिछले 21 वर्षो में किसानों के लिए बीजेडी ने क्या किया है? पिछले 72 वर्षो में जो भी विकास हुआ है, वह कांग्रेस की वजह से है।

वामपंथी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यहां रेलवे स्टेशन पर रेल रोको अभियान चलाया और मास्टर कैंटीन स्क्वायर पर सड़क जाम किया।

माकपा नेता सुरेश पाणिग्रही ने कहा, भाजपा सरकार द्वारा पारित तीन कानून किसानों के हितों के खिलाफ हैं। सरकार को इन्हें निरस्त करना चाहिए।

हालांकि सत्तारूढ़ बीजेडी ने बंद को अपना समर्थन देने की घोषणा नहीं की, लेकिन कहा कि किसानों के मुद्दों को हल करना और आशंकाओं को दूर करना महत्वपूर्ण है।

बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने कहा, बीजद हमेशा से स्वामीनाथन समिति द्वारा सुझाए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य को दोगुना करने की मांग कर रहा है, और हम ऐसा करना जारी रखेंगे। बीजद हमेशा किसानों के हित के लिए खड़ा है।

दूसरी ओर, राज्य भाजपा अध्यक्ष समीर मोहंती ने कहा कि विपक्षी दल मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं।

मोहंती ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी सहित कई कदम उठाए हैं। लेकिन, विपक्षी दल केवल राजनीतिक कारणों से मोदी का विरोध कर रहे हैं। वे मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं।

–आईएएनएस

आरएचए/एएनएम