कन्हैया कुमार से मेरी तुलना क्यों? कोई समानता नहीं है- तेजस्वी यादव

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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार कोई फैक्टर नहीं है और कन्हैया से मेरी तुलना क्यों करना? उन्होंने कहा कि अभी कन्हैया कौन से पद पर हैं?

वो जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं और अगर वे सांसद नहीं बनेंगे तो वो समाप्त हो जाएंगे क्या? ये बात समझने की ज़रूरत है। कुछ चर्चा हो इसलिए ऐसी बात विरोधी फैलाते हैं। तेजस्वी ने ये बातें एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहीं।

जागरण डॉट कॉम के अनुसार, तेजस्वी ने कहा कि पद मिल जाने से कोई नेता नहीं हो जाता? मुझे नहीं पता कि मेरी कन्हैया से तुलना क्यों की जा रही है? उनसे किस बात की तुलना, जबकि उनसे मेरी कोई समानता नहीं है। हमारे और उनके काम करने में बहुत अंतर है। महागठबंधन में कन्हैया का आना या ना आना इसके पीछे कई वजहें हैं।

उन्होंने कहा कि कन्हैया के नाम की घोषणा महागठबंधन में सब कुछ तय हो जाने के बाद हुई थी। बेगूसराय सीट राजद की परंपरागत सीट रही है। यह सीट समाजवादियों का गढ़ रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद तनवीर साहब को क़रीब पौने चार लाख वोट मिले थे। बहुत कम अंतर से वो चुनाव हारे थे।

इसके अलावा बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र के प्रमंडल स्तर के कार्यकर्ताओं का दबाव था कि तनवीर हसन साहब को ही पार्टी उम्मीदवार बनाए। वो पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं, इसीलिए उनमें कोई कमी हमें नज़र नहीं आती।

तेजस्वी ने कहा कि बिहार में आज नीतीश जी कोई फ़ैक्टर नहीं हैं। वे जहां हैं वहां की नाव भी डुबो देंगे। हमलोगों को इस बार भाजपा को जवाब देना है।

उन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया गया। इनको जनता अच्छी तरह से जवाब देगी। एक बात स्पष्ट है कि यह चुनाव किसी एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव नहीं है। देश को बचाने का चुनाव है और राहुल गांधी हमें बतौर पीएम स्वीकार्य हैं।