कब तक हम अपने राष्ट्रवाद का सबूत देते रहेंगे?: मौलाना मदनी

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वाराणसी: आशापुर के पास जीत पैलेस में रविवार को मुहद्दीद मौलाना हबीबुर रहमान आजमी की याद में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का आयोजन जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा किया गया था। सेमिनार में बड़ी संख्या में मुस्लिम और धार्मिक विद्वान शामिल हुए।

मुख्य अतिथि महासचिव जमीयत उलमा-ए-हिंद मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि भारत को आजादी मिले 70 साल बीत चुके हैं, फिर भी, हमारे राष्ट्रवाद का सबूत मांगा जाता है। पिछले 70 वर्षों के दौरान, हमने अधिकांश समय स्पष्टीकरण देने में बिताया है। हम देश के कल्याण और विकास के लिए अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार हैं लेकिन हम कब तक राष्ट्रवाद का सबूत देते रहेंगे?

मौलाना ने कहा कि मुसलमान किसी भी विदेशी देश से नहीं आए हैं, हमने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कुछ लोगों ने इस्लाम के नाम पर एक राष्ट्र का गठन किया लेकिन हमने भारत में बने रहने का विकल्प चुना।

मौलाना मदनी ने देवबंद से 2 लोगों की गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद निर्दोष लोगों को रिहा करने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने दावा किया कि कैद किए गए मुस्लिम युवाओं में से 80 परसेंट निर्दोष साबित हुए हैं और उन्हें बरी कर दिया गया है।

मौके पर मौलाना मदनी ने पुलवामा हमले की भी निंदा की।