कमलनाथ की रणनीति मुसलमानों को कर सकती है नाराज़ !

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भोपाल : कांग्रेस इस वक़्त बदली हुई रणनीति पर काम करती दिख रही है। तीन राज्यों में सरकार बनाने के बाद वहाँ के मुख्यमंत्रियों ने बीजीपी की काट के लिए उसके हिंदुतवादी एजेंडे को न केवल जारी रखने का फैसला किया बल्कि उसको और धार देने की कोशिश में है ताकि कहीं से यह संदेश न जाने पाये की बीजीपी की सरकार जाते ही बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को दरकिनार कर दिया गया।

मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार तो गो तस्करी के खिलाफ तो ज्यादा आक्रामक तेवर मेन दिख रही है। दो अलग-अलग घटनाओं में उसने आनन-फानन 5 आरोपियों पर एनएमएस लगा दिया। संयोग से यह पांचों आरोपि मुस्लिम थे। कमलनाथ सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस के अंदर और बाहर दोनों जगह पर प्रतिक्रिया हुई। कहा जा रहा है की मामला राहुल गांधी के कारबार तक पहुँच गया है। कमलनाथ का कहना है की अगर कांग्रेस नेतृत्व उनसे 2019 के चुनाव में राज्य की लोकसभा सीटों पर बेहतर नतीजे चाहता है तो उन्हें उनकी रणनीति पर काम करने की छूट दी जाय।

लेकिन कांग्रेस के भीतर ही यह आशंका पाव पसारने लगी है की कहीं 29 सीटों वाले माधप्रदेश से बेहतर नतीजे के चक्कर में कांग्रेस ऐसी राज्यों में मुस्लिम वोटर्स को अपने खिलाफ न कर ले।