कमलनाथ सरकार का फैसला: बीजेपी शासन के दौरान दर्ज राजनीतिक रूप से प्रेरित सभी केस होंगे वापस

,

   

ने बीजेपी (BJP) शासन के दौरान दर्ज किए गए राजनीतिक रूप से प्रेरित मामलों को वापस लेने का निर्णय किया और ऐसे मामलों की जांच के लिए जिला स्तरीय समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह समिति पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान किसानों और अनुसूचित जाति के सदस्यों द्वारा किए गए प्रदर्शनों के दौरान दर्ज किए गए मामलों की भी जांच करेगी।

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक यहां गुरुवार की देर शाम को हुई। बैठक में कई सरकारी आदेशों का अनुमोदन किया गया। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मंत्रिपरिषद की बैठक में व्यापक लोकहित में आपराधिक प्रकरणों के प्रत्याहरण (वापसी) के लिए नई प्रक्रिया अनुमोदित की गई है। अनुमोदित प्रक्रिया अनुसार वापसी के लिए अब किसी भी आवेदक को राजधानी आने की आवश्यकता नहीं होगी। वह अपना आवेदन सीधे संबंधित जिले के जिलादंडाधिकारी को प्रस्तुत कर सकेगा।
तय की गई प्रक्रिया के अनुसार, प्रकरण के वापसी के लिए जिला एवं राज्यस्तरीय समिति के गठन होगा। प्रकरण प्रत्याहरण की त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए संचालक लोक अभियोजन को संयोजक एवं नोडल एजेंसी घोषित किया गया है। जिला स्तरीय समिति में जिलादण्डाधिकारी को अध्यक्ष, जिला पुलिस अधीक्षक को सदस्य और जिला लोक अभियोजन अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है।

मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘जय किसान फसल ऋणमाफी योजना’ के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की गई। कर्जमाफी के आवेदन भरने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ कई किसानों पर फर्जी तौर पर कर्ज होने के मामले भी सामने आने लगे हैं। इस पर सरकार ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है।