करकरे ने देश के लिए महान कुर्बानी दी,प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी अपमानजनक: IPS एसोसिएशन

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भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) संघ ने मुंबई आतंकवाद-रोधी दस्ते के प्रमुख रहे हेमंत करकरे पर भोपाल से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार मालेगांव आतंकी हमले की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा दिए गए बयान की शुक्रवार को निंदा की. प्रज्ञा ने शुक्रवार को कहा कि करकरे ने उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया था और उनकी मौत उनके श्राप के कारण हुई. करकरे 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के दौरान आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे.

भारतीय पुलिस सेवा (केंद्रीय) संघ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में कहा गया है, “अशोक चक्र पुरस्कार प्राप्त आईपीएस हेमंत करकरे ने आतंकवादियों से लड़ते हुए महान कुर्बानी दी थी. हम वर्दी के लोग एक उम्मीदवार के अपमानजनक बयान की निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि हमारे सभी शहीदों की कुर्बानियों का सम्मान किया जाए.” खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर जेल से छूटीं प्रज्ञा को भाजपा ने बुधवार को कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल संसदीय सीट से उम्मीदवार घोषित किया है. भोपाल सीट के लिए मतदान छठे चरण में 12 मई को होगा.

मालेगांव आतंकी हमले की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया है. प्रज्ञा ने कहा कि हेमंत करकरे को मैंने श्राप दिया था कि सर्वनाश होगा. और ऐसा ही हुआ. बता दें कि 2008 में मुंबई आतंकी हमले में एटीएस के चीफ हेमंत करकरे शहीद हो गए थे. साध्वी प्रज्ञा के इस बयान की आलोचना की जा रही है.

मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि हेमंत करकरे को सुरक्षा आयोग ने मुंबई बुलाया, तब मैं मुंबई जेल में थी. हेमंत करकरे को मुझसे पूछताछ और जांच के लिए बुलाया गया था. हेमंत करकरे से सुरक्षा आयोग ने कहा कि जब सबूत नहीं है, तुम्हारे पास तो साध्वी जी को छोड़ दो, लेकिन उस व्यक्ति ने कहा कि मैं कुछ भी करूंगा. सबूत बनाऊंगा, लेकर आऊंगा, लेकिन इसे नहीं छोडूंगा.

प्रज्ञा ने आगे कहा कि ये धर्म विरुद्ध था, ये देशद्रोह था. हेमंत उस समय बोला कि क्या सबूत के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा. मैंने कहा कि हां जा भगवन के पास. मैंने कहा कि तेरा सर्वनाश होगा. आप यकीन नहीं करेंगे. मुझे इतनी गंदी गालियां दी. इतनी यातनाएं दी. इसके बाद फिर सूतक लग गया और जिस दिन सूतक हटा ठीक सवा महीने में हेमंत करकरे मारा गया. भगवान राम ने जिस तरह से रावण को मारा उसी तरह से उसका अंत संयासियों के द्वारा कराया गया.