कलाकार अतुल डोडिया के मन में एक ही फ्रेम में हैं, गांधी, मोहम्मद रफी और कृष्ण

   

नई दिल्ली, 29 सितंबर । मुंबई के कलाकार अतुल डोडिया खुश हैं कि लॉकडाउन में उन्होंने 200 से ज्यादा पेंटिंग्स बनाई और अभी भी वे कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं।

डोडिया कहते हैं, अभी भी मैं इनमें इतना तल्लीन हूं और कोशिश कर रहा हूं कि मैं सोचूं ना। क्योंकि इन कामों के लिए प्रकृति, दुनिया, जलवायु के साथ हमारा रिश्ता अहम है। हालांकि जीवन और आसपास की घटनाओं से अलग रहना मुश्किल होता है।

डोडिया के कुछ ऑयल पेंट्स का कलेक्शन हाल ही में वधेरा आर्ट गैलरी में प्रदर्शित हुआ है। यह उनके आर्ट इन टच का चौथा संस्करण है।

मुंबई में जन्मे, पढ़े और रहने वाले कलाकार कहते हैं, शहर के एक हिस्से ने भी मेरी सोच को प्रभावित किया है। यहां बहुत विविधता है। यह सुंदर भी है, बदसूरत भी है और यहां समुंदर भी है। 1991-92 में फ्रांसीसी सरकार के स्कॉलर के तौर पर वहां जाने और पेरिस के सिटी-स्कैप्स बनाने के दौरान अहसास हुआ कि हमारे शहर यूरोपीय लोगों से अलग कैसे हैं।

फिल्मों के शौकीन डोडिया 12 साल की उम्र में तय नहीं कर पा रहे थे कि उन्हें पेंटर बनना चाहिए या फिल्म निर्माता। वह कहते हैं, मैं कलाकारों की हर एक खासियत से प्रेरित होता हूं। मेरे काम में आप इसकी झलक देख सकते हैं। मैं हाइब्रिड अनुभवों में विश्वास करता हूं। कलाकर अपने काम के इतना अधिक समय बिताते हैं कि यह चमत्कारिक हो जाता है। मैं कई बार सोचता हूं कि मेरे लिए – ऋतिक रोशन, गांधी, मोहम्मद रफी, जॉनी वाकर, अंबेडकर, भगवान कृष्ण और संत फ्रांसिस सभी एक साथ एक फ्रेम में क्यों हैं? मैं लघु चित्रों का महान प्रशंसक हूं। यह निश्चित रूप से जोखिम लेना है लेकिन कलाकार अपने माध्यमों और सोच को बदलता रहता है।

बता दें कि डोडिया ने गांधी पर 200 से अधिक चित्रों पर काम किया है।

–आईएएनएस

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