कश्मीरी छात्रों ने बकरीद पर मोदी सरकार से मिले लंच के निमंत्रण का बहिष्कार किया

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ने वाले करीब 250 कश्मीरी छात्रों ने सोमवार को बकरीद के अवसर पर केंद्र द्वारा दिए गए लंच के निमंत्रण का बहिष्कार करने की घोषणा की है. कश्मीर घाटी के छात्रों ने भी कहा है कि वे परिसर में किसी भी तरह के उत्सव से दूर रहेंगे. लंच का आयोजन विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में किया जा रहा है. कश्मीरी छात्रों ने एक बयान में कहा है कि यह निमंत्रण हताश करने वाला है, जो कि राजनीति का हिस्सा है और ‘उनके घाव पर नमक रगड़ने’ जैसा है. बयान में उन्होंने कहा है, ‘हम इसे 5 अगस्त को संसद में की गई दिल्ली की तानाशाही और नाटक को अस्वीकार करने के अवसर के रूप में ले रहे हैं.’

हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने ईद के त्योहार के आयोजन के लिए सभी पदस्थ संपर्क अधिकारियों को 1-1 लाख रुपये की राशि दी थी. एएमयू के कश्मीरी छात्रों के अनुसार, मलिक के मन में उनके प्रति कोई सहानुभूति नहीं है और यह ईद का निमंत्रण और दिए गए 1 लाख रुपये केंद्र सरकार द्वारा अपनाए गए अलोकतांत्रिक तरीके के लिए उनकी (कश्मीरी छात्र) सहमति को खरीदने के लिए है.

एक बयान के अनुसार, ‘इस निमंत्रण को स्वीकार करना हमारे माता-पिता के साहस का अपमान करने जैसा होगा, जो जम्मू एवं कश्मीर में बड़े पैमाने पर सैन्यीकरण का दबाव झेल रहे हैं.’ एक वरिष्ठ कश्मीरी छात्र का कहना है कि इससे पहले तो सरकार ने पिछले पांच वर्षों में उनके लिए ऐसी कोई विशेष बैठक आयोजित नहीं की थी. छात्र ने कहा, ‘अचानक से उन्होंने कश्मीरियों के प्रति सहानुभुति दिखाना शुरू कर दिया.’ वहीं, एएमयू के प्रवक्ता शफी किदवई ने बताया कि उन्हें इस बहिष्कार के बारे में कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि इस बारे में कश्मीरी छात्रों ने विश्वविद्यालय को कोई संदेश नहीं भेजा है.