कश्मीरी नेताओं को नज़रबंद करने पर चिदंबरम बोले- लोकतांत्रिक आवाज दबा रही है सरकार

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जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद किए जाने की कांग्रेस ने आलोचना की है. पूर्व गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार द्वारा दुस्साहस पूर्ण कार्रवाई की चेतावनी पहले ही दे रही थी. चिदम्बरम ने कहा कि लगता है कि सरकार अब ऐसा करने पर अड़ गई है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला को आधी रात को नजरबंद कर दिया गया है. कश्मीर में धारा-144 लागू कर दी गई है और वहां से संचार के सभी माध्यमों, मोबाइल, इंटरनेट, ब्रांडबैंड और लैंडलाइन को बंद कर दिया गया है.

कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने कहा है कि इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कश्मीर के नेताओं की नजरबंदी लोकतांत्रिक आवाज को कुचलने जैसा है. चिदम्बरम ने ट्वीट किया, “जम्मू-कश्मीर के नेताओं को घर में नजरबंद किया जाना इस बात का सिग्नल है कि सरकार अपने मकसद को हासिल करने के लिए सभी लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों को कुचल देगी. मैं उनकी नजरबंदी की आलोचना करता हूं.”

एक दूसरे ट्वीट में चिदम्बरम ने कहा है कि दिन खत्म होने से पहले ही हमें बता दिया जाएगा क्या जम्मू-कश्मीर में कुछ गंभीर संकट होने वाला है. मैं इंतजार कर रहा हूं. चिदम्बरम से पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस कदम की निंदा की है. उमर अब्दुल्ला के ट्वीट पर रीट्वीट करते हुए शशि थरूर ने अब्दुल्ला को कहा कि आप अकेले नहीं है. आखिरकार सरकार जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं को आधी रात को क्यों गिरफ्तार कर रही है है? थरूर ने कहा कि अभी संसद का सत्र चल रहा है और हमारी आवाज को दबाया नहीं जा सकता है.