जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान हटाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का नया निशाना नक्सली हो सकते हैं. वामपंथी उग्रवाद के जड़ से उन्मूलन का जिक्र अमित शाह पहले भी अपने कई भाषणों में कर चुके हैं. इसलिए सोमवार को जब गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सल प्रभावित देश के 10 राज्यों- छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की, तो इससे ये संकेत निकलकर सामने आया कि केंद्र सरकार वर्षों से नासूर बन चुकी नक्सल समस्या के खात्मे की ओर अब ध्यान देगी. अमित शाह ने इस बैठक के बाद किए गए ट्वीट में कहा भी कि लोकतंत्र के खिलाफ काम करने वाले नक्सलवादियों को उखाड़ फेंका जाएगा. इस बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, ओडिशा के नवीन पटनायक, यूपी के योगी आदित्यनाथ, एमपी के कमलनाथ, झारखंड के रघुबर दास, आंध्रप्रदेश के वाई एस जगनमोहन रेड्डी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) ने हिस्सा लिया.
गृह मंत्री के नक्सलियों के खिलाफ अभियान में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी सहयोग का आश्वासन दिया है. बैठक के बाद शाह ने ट्वीट किया, “वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बहुत सार्थक बैठक हुई. इन राज्यों में सुरक्षा और विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. वामपंथी चरमपंथ लोकतंत्र के विचार के खिलाफ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम इसे उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” अंग्रेजी पत्रिका इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्री के नेतृत्व में हुई बैठक के पीछे केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का मातृ-संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वह सोच है, जिसमें देश से नक्सलवाद के खात्मे पर जोर दिया जाता रहा है. जाहिर है भाजपा के एजेंडे में भी यह योजना लंबे समय से है. अब जबकि केंद्र में पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार है और अधिकतर राज्यों में भी भाजपा की ही सरकारें हैं, तो नक्सल उन्मूलन की इस योजना पर अमल करने का वक्त आ गया है.
In pictures: Union Home Minister, Shri @AmitShah chairs a review meeting on security issues with the Chief Ministers of Left Wing Extremism (LWE) affected states at Vigyan Bhawan, New Delhi. pic.twitter.com/kJ2EoN4OED
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) August 26, 2019
बड़े बदलाव की सोच
देश के 10 से ज्यादा राज्यों में फैले नक्सलियों पर नकेल कसने की योजनाएं पूर्ववर्ती सरकारें भी बनाती रही हैं. लेकिन अभी तक इस समस्या का पूरी तरह से समाधान नहीं हो सका है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्षों से इस प्रयास में लगा है कि नक्सलियों के ‘रेड कॉरिडोर’ से उनका कब्जा हटाकर उस पूरे क्षेत्र को ‘भगवा झंडे’ के नीचे लाया जाए. कुछ महीने पहले जब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ‘कौन हैं अर्बन नक्सल’ नाम की एक किताब का विमोचन किया था, उस कार्यक्रम में भी मोहन भागवत ने नक्सलियों के सफाये की योजना की चर्चा की थी. हालिया लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले देशव्यापी समर्थन के बाद न सिर्फ संघ, बल्कि भाजपा भी नक्सलियों के उन्मूलन को प्राथमिक सूची में रखे हुए है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन करने के फैसले को मिले देशभर में समर्थन के बाद, भाजपा अपनी इस योजना को भी लगे हाथ भुना लेना चाहती है. नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह का बयान यही संकेत देता है.