कांग्रेस के घोषणा पत्र पर इन उलमाओ ने उठाए सवाल !

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मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कांग्रेस के घोषणा पत्र में राष्ट्रद्रोह की धारा 124 ए को समाप्त करने के वादे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस वादे से यह पता चलता है कि मुस्लिमों के प्रति कांग्रेस का नजरिया क्या है।

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कांग्रेस के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि देश के मुसलमान देशद्रोही नहीं हो सकते। कांग्रेस को यह बताना होगा कि यह कदम उसने किसके लिए उठाया है। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली कहते हैं कि मुसलमानों का देशद्रोह से कोई वास्ता नहीं है, जो भी देशद्रोह का मुकदमे दर्ज हुए हैं, उनमें सारे मुसलमान ही नहीं हैं। देश का दुश्मन हमारा दुश्मन है। इससे बेहतर होता कि कांग्रेस अपने घोषणापत्र में आर्टिकल 341 में जो मजहबी पांबदी लगी है वह हटाने की बात करती। इसमें मुस्लिम और ईसाई को भी शामिल करना चाहिए।

शहरकाजी मुफ्ती इरफान मियां फरंगी महली कहते हैं कि कांग्रेस अगर ऐसा सोचती है कि मुस्लिम देशद्रोही हैं, यह बिलकुल गलत है। धारा हटाने से बेहतर होगा कि सिस्टम ऐसा बनाएं कि गुनाह करने वालों को सजा और बेगुनाहों को राहत मिल सके।

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता यासूब अब्बास मानते हैं कि देश में आतंकवादियों को खत्म करना होगा। देशद्रोह के कानून की धारा को हटाने और बढ़ाने से यह खत्म नहीं होगा।

मौलाना ने कहा कभी कांग्रेस ने लखनऊ से शिया समुदाय के पवित्र स्थल नजफ के लिए सीधी विमान के बारे में सोचा तक नहीं लेकिन वह इस साल 14 फरवरी से चलने लगी। हज का कोटा भी बढ़ा। अब एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन मुसलमानों की अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में आजम खां जैसे मुस्लिमों को चुनाव के लिए इस्तेमाल कर रही है। वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं है। धर्मगुरुओं ने कहा कि मुसलमानों की आड़ में कांग्रेस के इस चुनावी दांव से खुद मुसलमान ही इत्तेफाक नहीं रखते।