भारतीय पूर्व कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन ने ट्विटर के जरिए यह सफाई दी है कि वे कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि जो अफवाह खबरों के जरिए आ रही है, वो बेबुनियाद है और गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
मालूम हो कि मीडिया में कल खबर आई थी कि मोहम्मद अजहरुद्दीन टीआरएस में शामिल हो सकते हैं और सिकंदराबाद से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
The news doing the rounds in the media of me joining the TRS party in Telangana is incorrect & false.
— Mohammed Azharuddin (@azharflicks) January 2, 2019
खबरों की माने तो ऐसा इसलिए माना जा रहा था कि सिकंदराबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के ऑफर के बाद अजहरुद्दीन ने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर तेलंगाना राष्ट्र समिति को अपनाने का फैसला करने का मन बना रहे हैं। ऐसी बात को हवा इस बात से मिल रही है कि अजहरुद्दीन के एक करीबी और ने टीआरएस ज्वाइन कर लिया है और वह उनके लिए पैरवी कर रहे हैं।
आपको बता दें कि मोहम्मद अजहरुद्दीन तेलंगाना की मल्काजगीरी लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन इस बात को लेकर पार्टी के अंदर विरोध शुरू हो गया था। तब से अजहरुद्दीन अपने आप को कांग्रेस पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं ।
हालांकि कांग्रेस पार्टी में विधानसभा चुनाव के दौरान अजहरुद्दीन को कांग्रेस पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था ताकि उन्हें कमलेश में बरकरार रखा जा सके।
अभी कुछ दिन पहले मोहम्मद अजहरुद्दीन असदुद्दीन ओवैसी की बेटी की शादी में टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव से मिले थे । ऐसा माना जा रहा है कि इस मीटिंग के दौरान अजहरुद्दीन और केसीआर के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई है और उन्हें सिकंदराबाद सीट से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के टिकट पर लोकसभा में उत्तर प्रदेश की मोरादाबाद सीट से वह 2009 में सांसद चुने गए थे, पर वह 2014 में राजस्थान से चुनाव हार गए थे। तब से वह अपने आप को तेलंगाना तक ही सीमित कर लिया है।
हालांकि, इस मामले पर अजहरूद्दीन ने सीधे सीधे कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन जिस तरह से राजनीतिक हालात बदल रहे हैं। उससे इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।