अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प द्वारा बार-बार वादा ख़िलाफ़ी किए जाने से नाराज़ उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन ने ट्रम्प को चेतावनी दी है कि वाशिंगटन, प्योंगयांग के धैर्य का इम्तिहान न ले और जो वादे किए हैं उसे पूरा करे।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार लगभग एक साल तक शांत रहने और अमेरिका द्वारा लगातार वादा ख़िलाफ़ी किए जाने के बाद अब एक बार फिर उत्तरी कोरिया के राष्ट्रपति ने कड़ा रुख अपनाया है। किम जोंग उन ने नए साल के अवसर पर अमेरिका को एक बार फिर चेतावनी दी है कि अगर उत्तरी कोरिया पर लगे प्रतिबंध नहीं हटाए गए तो वह भी अपने वादों को भूल जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्योंगयांग क्षेत्र में शांति स्थापित करना चाहता है लेकिन अमेरिका नहीं चाहता कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति रहे। किम जोंग उन ने कहा कि वॉशिंग्टन की नीतियों में शांति शब्द है ही नहीं क्योंकि इससे उसके हथियार नहीं बिकेंगे और न ही वह दूसरे देशों के मामलों में हस्तक्षेप कर पाएगा।
उत्तर कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष किम जोंग उन ने कहा “मैं अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ कभी भी बातचीत को तैयार हूं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा स्वीकार्य नतीजे निकालने के पूरे प्रयास करने को राज़ी हूं, लेकिन अगर अमेरिका दुनिया के सामने किए अपने वादों को पूरा नहीं करता और हमारे देश के ख़िलाफ़ प्रतिबंध और दबाव बढ़ाता रहता है, तो हमारे पास अपनी संप्रभुता एवं हितों की रक्षा करने के लिए कोई नया रास्ता खोजने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा।”
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका प्रतिबंध के माध्यम से दबाव बनाना जारी रखता है तो प्योंगयांग अपना रुख बदलने पर विचार कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल हथियारों के कार्यक्रम देश की रक्षा के लिए हैं लेकिन उसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से हमारे ऊपर कई प्रतिबंध लगे हुए हैं। किम जोंग उन ने कहा कि हमने इन्हीं सारी समस्याओं के हल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के साथ सिंगापुर में 12 जून 2018 में मुलाक़ात की थी, जहां कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के समझौते पर हस्ताक्षर तो किए गए लेकिन वाशिंगटन द्वारा लगातार वादा ख़िलाफ़ी किए जाने के कारण आज एक बार फिर हम वहीं पहुंच गए हैं जहां से शुरू किया था।