किसानों सरकार की तरफ़ से दिए गए खाने को ठुकराया, खाया अपना खाना!

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कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज आठवां और अहम दिन है। 40 किसान नेताओं की सरकार के साथ विज्ञान भवन में दोपहर 12.30 बजे से बातचीत चल रही है।

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अध्यक्षता कर रहे हैं।

बीच में लंच ब्रेक हुआ था, लेकिन किसानों ने सरकारी दावत खाने से मना कर दिया। वे अपना खाना साथ लाए थे, वही खाया। उन्होंने कहा कि सरकार का खाना या चाय मंजूर नहीं।

 

 

किसानों ने सरकार को सलाह दी है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को खत्म कर दिया जाए।

 

विज्ञान भवन में मीटिंग के बीच जब लंच ब्रेक हुआ तो किसानों ने वह खाना खाया जो वे अपने साथ लेकर गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार का खाना या चाय मंजूर नहीं।

 

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज आठवां और अहम दिन है। 40 किसान नेताओं की सरकार के साथ विज्ञान भवन में दोपहर 12.30 बजे से बातचीत चल रही है।

 

सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अध्यक्षता कर रहे हैं। बीच में लंच ब्रेक हुआ था, लेकिन किसानों ने सरकारी दावत खाने से मना कर दिया। वे अपना खाना साथ लाए थे, वही खाया। उन्होंने कहा कि सरकार का खाना या चाय मंजूर नहीं।

 

किसानों ने सरकार को सलाह दी है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को खत्म कर दिया जाए।

 

इससे पहले 1 दिसंबर की मीटिंग में भी किसानों को सरकार की तरफ से चाय ऑफर की गई तो उन्होंने कह दिया था कि चाय नहीं, मांगें पूरी कीजिए। आप धरनास्थल पर आइए, आपको जलेबी खिलाएंगे।

 

उधर, पंजाब के पूर्व CM और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल (92) ने किसानों के समर्थन में पद्म विभूषण लौटा दिया है। बादल को 2015 में ये अवॉर्ड मिला था।

 

बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल 22 साल से NDA के साथ थी, लेकिन कृषि कानूनों के विरोध में सितंबर में गठबंधन से अलग हो गई थी। इससे पहले 17 सितंबर को हरसिमरत कौर बादल ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

 

उधर, शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी पद्म भूषण अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है।