किसान आन्दोलन: सर्दी में भी डटे हुए हैं किसान!

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कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच के दौरान धरने पर बैठे किसान आंदोलन को दो सप्ताह गुजर चुके हैं। आंदोलन के साथ ही ठंड भी तेज हो रही है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, अब यह बढ़ती ठंड धरने पर बैठे किसानों की सेहत खराब करने लगी है। टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान बुखार, जुकाम, लो और हाई ब्लड प्रेशर के साथ ही मौसमी बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं।

बीमार हो रहे किसानों की देखरेख के लिए अब उनके परिवार वाले भी धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं।

कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन में पंजाब और हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान से भी दर्जनों किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं।

धरने पर बैठे सभी किसानों की सिर्फ यही मांग है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले। किसान भी अपनी मांगों को लेकर लगातार धरने पर डटे हैं।

दिसंबर की ठंड अब आंदोलनरत किसानों की सेहत खराब कर रही है। पंजाब के मानसा की रहने वाली हरप्रीत कौर अपने पति और देवर की खराब तबियत की देखरेख करने पहुंची हैं।

अब तक की जानकारी के अनुसार आंदोलन में हिस्सा ले रहे सात किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें से चार की मौत हादसे में हुई है, जबकि तीन की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है।

सर्दी व अन्य बीमारियों से बचाने के लिए काढ़ा बेहद अच्छा है। किसानों के परिजन घर से काढ़ा बनाने के लिए अदरक, हल्दी, शहद और अन्य जरूरी औषधियां लेकर धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं।

परिजन बीमार किसानों के साथ ही अन्य किसानों को भी काढ़ा बनाकर पिला रहे हैं।

परिजनों का कहना है कि आंदोलन की जल्दबाजी के कारण गर्म कपड़े व अन्य जरूरी सामान लेकर किसान नहीं पहुंचे थे, जिसके कारण उन्हें दिक्कत हो रही थी।