कुछ पश्चिमी देश मुसलमानों के खिलाफ़ आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं- ईरान

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ओआईसी ने इस्लामोफ़ोबिया से लड़ने पर बल दिया और न्यूज़ीलैंड के जनसंहार पर पश्चिम की भर्त्सना की है। विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कहा है कि न्यूज़ीलैंड में 2 मस्जिदों पर हमले के लिए कुछ पश्चिमी देशों को ज़िम्मेदार ठहराना चाहिए। इस हमले में कम से कम 50 नमाज़ी हताहत हुए।

उन्होंने शुक्रवार को इस्तांबूल में इस्लामी सहयोग संगठन की आपात बैठक में कहाः “न्यूज़ीलैंड का आतंकवादी हमला, पश्चिम में इस्लामोफ़ोबिया की बहुत ही ख़तरनाक लहर को दर्शाता है।”

जवाद ज़रीफ़ ने कहाः “कुछ पश्चिमी अधिकारी और संस्थाएं मुसलमानों के ख़िलाफ़ अपराध को भड़का रहे हैं।” उन्होंने उन लोगों कि जो मुसलमानों को अपने देश में दाख़िल होने से रोक रहे हैं आलोचना की। उनका इशारा अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प की ओर था।

इसी तरह उन्होंने उन लोगों की भी आलोचना की जो अपने देश में इस्लामी प्रतीकों के इस्तेमाल पर रोक लगा रहे हैं। ज़रीफ़ का इस बात से योरोपीय देशों की ओर इशारा था।

तुर्की के इस्तांबूल शहर में इस्लामी सहयोग संगठन की आपात बैठक, ईरानी विदेश मंत्री और उनके तुर्क समकक्ष मौलूद चाऊश ओग़लू के बीच टेलीफ़ोन पर न्यूज़ीलैंड में हुए जनसंहार पर चर्चा के बाद, ईरान के निवेदन पर आयोजित हुयी।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, इस बैठक में तुर्क राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने अपने भाषण में इस्लामोफ़ोबिया के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय लड़ाई की अपील करते हुए कहा कि इस्लामी राष्ट्र इस जघन्य आतंकी हमले को नहीं भूल सकते। एर्दोगन ने इस्लामोफ़ोबिया के खिलाफ बोलते हुए कहा कि इस्लाम से नफ़रत और मुसलमानों के खिलाफ़ दुश्मनी पर खामोश नहीं बैठा जा सकता है।