केंद्र ने राम मंदिर के पास अधिग्रहित खाली पड़ी जमीन को छोड़ने की सुप्रीम कोर्ट से की मांग

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बीजेपी सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अयोध्या स्थल के आसपास अधिग्रहित खाली पड़ी जमीन को छोड़ने की अनुमति मांगी है. याचिका में मांग की गई है कि जमीन को मूल मालिक को सौंप दिया जाए, जिससे इस जमीन को शुरुआत में अधिग्रहित किया गया था. टाइम्स नाउ की खबर के अनुसार अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाली संविधान पीठ इस मामले की भी सुनवाई करेगी. इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख के साथ ही मुख्य मामले की सुनवाई भी होगी.

विवादित जमीन को छोड़कर बाकी जमीन को लौटाया जाए

खबर है कि केंद्र सरकार ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि विवादित जमीन के अलावा बाकी जमीन लौटा दी जाए. केंद्र सरकार ने याचिका दायर करते हुए कहा था कि विवाद 0.313 एकड़ जमीन पर है, इसलिए विवादित जमीन को छोड़कर बाकी जमीन को लौटाया जाए और इस पर जारी यथास्थिति हटाई जाए. सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि 67 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था. जमीन का विवाद सिर्फ 0.313 एकड़ का है और बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है. लिहाजा बाकी जमीन उनके मूल मालिक को लौटा दी जाए.

कोर्ट ने 1994 में जमीन को केंद्र के पास ही रखने को कहा था

बता दें कि साल 1993 में केंद्र सरकार ने अयोध्या अधिग्रहण एक्ट के तहत विवादित स्थल और आसपास की जमीन का अधिग्रहण कर लिया था. इसके अलावा पहले से जमीन विवाद को लेकर दाखिल सभी याचिकाओं को समाप्त कर दिया था. सरकार के इस एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई और कोर्ट ने साल 1994 में तमाम दावेदारी वाले सूट को बहाल करने के अलावा जमीन को केंद्र के पास ही रखने को कहा था. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जमीन पर यथास्थिति बनी रहेगी और जिसके पक्ष में फैसला आएगा, जमीन उसे सौंप दी जाएगी.