केजरीवाल सरकार का बड़ा ऐलान, दिल्ली के इमामों और मोअज़्ज़िन का बढ़ाया वेतन

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लोकसभा चुनाव 2019 से पहले दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मुसलमानों को लुभाने के लिए बड़ा दांव चला है. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की मस्जिदों के इमाम और मोअज़्ज़िन का वेतन बढ़ाने का एलान कर दिया है. इमाम और मुअज़्ज़िन लम्बे वक़्त से अपना वेतन बढ़ाने की मांग करते रहे हैं. इमाम और मोअज़्ज़िन का ये वेतन दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड देगा. केजरीवाल सरकार के नए फैसले के मुताबिक, दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के तहत आने वाली 185 मस्जिदों के इमामों को अब 18 हज़ार रुपये वेतन दिया जाएगा, पहले ये वेतन 10 हज़ार रुपये हुआ करता था. वही मुअज़्ज़िन को अब 16 हज़ार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा जबकि अब तक मुअज़्ज़िन को 9 हज़ार रुपये मिला करता था.

दिल्ली सरकार ने दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के साथ मिलकर पहली बार दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के तहत ना आने वाली मस्जिदों के इमाम और मुअज़्ज़िन को भी वेतन देने का एलान कर दिया. ऐसा देश में पहली बार है कि जब बोर्ड के तहत ना आने वाली मस्जिदों के इमाम और मुअज़्ज़िन को भी कोई सरकारी संस्था वेतन दे.

दिल्ली में अब वक़्फ़ बोर्ड के तहत ना आने वाली मस्जिदों के इमामों को 14 हज़ार और मुअज़्ज़िन को 12 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा. ये तमाम एलान आज दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में किए गए. ये कार्यक्रम दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड की तरफ से आयोजित किया गया था. जिसमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन और दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्य्क्ष अमनातुल्ला खान मौजूद थे.

इस मौके पर दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्य्क्ष अमनातुल्ला खान ने कहा कि इस वेतन को देने की सारी जिम्मेदारी दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड उठाएगा. इस कार्यक्रम में दिल्ली की सभी मस्जिदों के इमामों और मुअज़्ज़िन को न्यौता दिया गया था. इसके पीछे आम आदमी पार्टी की लोकसभा चुनाव 2019 की रणनीति थी .

कार्यक्रम के दौरान अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्य्क्ष अमित शाह पर निशाना साधा और कहा कि “मैं मोदी और अमित शाह को हराने के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं” केजरीवाल ने कार्यक्रम के दौरान मुसलमानों से आम आदमी पार्टी को वोट देने की भी अपील की और कहा कि दिल्ली में कांग्रेस नहीं, बल्कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला होगा.

 

दिल्ली में मुसलामानों का वोट पहले कांग्रेस को मिलता था, लेकिन 2014 के बाद ये वोट आम आदमी पार्टी के हक़ में गया और पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में 67 सीट हासिल की. केजरीवाल को पता है कि अगर 2019 में दिल्ली में लोकसभा सीट पर मजबूती के साथ लड़ाई लड़नी है तो मुसलमानों को लुभाना जरूरी है.