बारिश और बाढ़ से केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु बुरी तरह प्रभावित हैं। इस आपदा में मृतकों की संख्या 168 तक पहुंच गई है। महाराष्ट्र में करीब 4 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, वहीं केरल में 2.51 लाख लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित केरल में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है। सेना, नेवी और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार सुबह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर बचाव एवं राहत कार्य की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने जनता से खासतौर पर भूस्खलन से सतर्क रहने को कहा। मालूम हो कि 8 अगस्त को दो पहाड़ों के बीच हुए भारी भूस्खलन में बड़ी-बड़ी चट्टानें घरों पर आ गिरी थीं। रविवार तक इसमें 11 शव बरामद हो चुके हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने राज्य के कन्नूर, कासरगौड और वायनाड के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुंच गए हैं। वायनाड सबसे ज्यादा प्रभावित है। राज्य में पिछले साल भी बाढ़ और भूस्खलन से भीषण तबाही हुई थी, जिसमें 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
वहीं, गुजरात के कई हिस्सों में जारी भारी बारिश से अब तक 31 लोगों की मौत हो गई है। पिछले शनिवार से रविवार तक अकेले सौराष्ट्र में 12 लोगों की मौत हो गई। अरब सागर में करीब 20 मछुआरे अब तक लापता हैं। राज्य के सौराष्ट्र और कच्छ जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
उधर, तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि वह बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के बाद केंद्र सरकार से राहत राशि की मांग करेगी। राज्य के पशुपालन मंत्री उदुमलाई के राधाकृष्णन ने कहा कि बारिश से बड़े पैमाने पर फसलों और पशु धन का नुकसान हुआ है।