कॉल सेंटर घोटाले में वांछित भारतीय मूल के व्यक्ति की तलाश में कनाडा पुलिस

   

टोरंटो, 19 अक्टूबर । कनाडा की पुलिस अभी भी एक 22 वर्षीय भारतीय व्यक्ति को कनाडा में लक्षित भारतीय कॉल सेंटर घोटाले में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

जांच में इस घोटाले का पता चला है, जहां अध्ययन (स्टडी) वीजा पर अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की भागीदारी है।

यह हालांकि ज्ञात नहीं है कि टोरंटो के बाहरी इलाके में मिसिसॉगा के नमन ग्रोवर भी कनाडा में एक अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं।

कॉल सेंटर घोटालेबाजों के लिए मनी म्यूल के रूप में काम करते पाए जाने के बाद ग्रोवर के लिए एक कनाडा-व्यापी वारंट जारी किया गया है।

कनाडा के राष्ट्रीय पुलिस बल रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) को संदेह है कि वह देश से भाग गया होगा।

भारत के फोन घोटालेबाज कनाडा राजस्व एजेंसी (सीआरए), पुलिस संगठनों और तकनीकी सहायता एजेंसियों के प्रतिनिधियों के रूप में प्रस्तुत करके कनाडा के लोगों को निशाना बना रहे हैं। वे लोगों को पैसे का भुगतान करने या अपने वित्तीय/क्रेडिट कार्ड की जानकारी देने की बात करते हैं और अगर वे ऐसा नहीं कर पाए तो उन्हें कार्रवाई का सामना करने का डर दिखाया जाता है।

ग्रोवर कनाडा रेवेन्यू एजेंसी फोन घोटाले, बैंक जांचकर्ता घोटाले और तकनीकी सहायता घोटाले के संबंध में वांछित है। उस पर धोखाधड़ी, अपराध से प्राप्त रुपये हथियाने और अपराध की धन शोधन की कार्यवाही का आरोप लगाया गया है।

पुलिस का कहना है कि कॉल सेंटर के घोटालेबाज पीड़ितों से पैसा प्राप्त करने के लिए कनाडा में मनी म्यूल के रूप में व्यक्तियों की भर्ती करते हैं।

रॉयल कनाडाई माउंटेड पुलिस की ओर से दो साल की जांच के बाद ग्रोवर को मनी म्यूल्स/मनी म्यूल मैनेजर के तौर पर उजागर किया गया है।

पुलिस का कहना है कि घोटालेबाजों ने कनाडा में आने से पहले या यहां अध्ययन करते हुए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को इन घोटालों के लिए अध्ययन वीजा पर भर्ती किया है।

यह अनुमान है कि कॉल सेंटर के घोटालेबाजों ने 2014 से 2020 के बीच अकेले सीआरए फोन घोटाले के माध्यम से कनाडा में रहने वालों के साथ 1.8 करोड़ डॉलर की धोखाधड़ी की है। इसके अलावा अगर इसमें अन्य घोटाले भी शामिल हैं, तो कनाडाई को कुल नुकसान 3.5 करोड़ डॉलर से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है।

आरसीएमपी इंस्पेक्टर जिम ओगडेन ने घोटाला करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा, जो लोग इसमें शामिल होंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन पर आपराधिक आरोप लगाए जाएंगे और इन आपराधिक संगठनों की गैरकानूनी गतिविधियों में भाग लेने के अन्य गंभीर परिणाम होंगे, जिनमें छात्र वीजा रद्द करना भी शामिल है।

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