कोंग्रेस MLA अदिति सिंह से बीजेपी को मिशन रायबरेली की आस?

   

नई दिल्ली : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर 36 घंटे के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र का कांग्रेस, सपा व बसपा ने बहिष्कार किया था. लेकिन बावजूद कांग्रेस की अदिति सिंह, बसपा के अनिल सिंह और सपा के नितिन अग्रवाल पार्टी लाइन से अलग होकर विशेष सत्र में शामिल हुए. जिसके बाद से कयासों का बाजार गर्म हैं. खासकर अदिति सिंह को लेकर चर्चा काफी तेज है, क्योंकि बुधवार को ही कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का लखनऊ में पैदल मार्च था, लेकिन वह उसमें शामिल न होकर देर शाम विधानसभा के विशेष सत्र में पहुंच गयी. इतना ही नहीं, उन्होंने सत्र की चर्चा में हिस्सा भी लिया. अब बीजेपी का कहना है कि अगर अदिति बीजेपी के नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी में आती हैं तो उनका स्वागत है.

सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की कांग्रेस एमएलए अदिति सिंह क्या बीजेपी में शामिल होंगी? उनके तेवरों से यही लगता है. अदिति सिंह प्रियंका गांधी की करीबी हैं. प्रियंका ही उन्हें राजनीति में लाई थीं. उनके कांग्रेस से परे होने का अंदाज़ इससे होता है कि वे बुधवार को लखनऊ में होते हुए भी प्रियंका गांधी की पद यात्रा में तो शामिल नहीं हुईं बल्कि विधानसभा के उस सत्र में शामिल हुईं जिसमें न जाने के लिए कांग्रेस ने व्हिप जारी कर रखा है. और उस पर तुर्रा यह कि इसकी वजह पूछे जाने पर अदिति सिंह ने मीडिया से कहा कि ‘मुझे जो ठीक लगा वो मैंने किया. पार्टी का क्या निर्णय होगा मुझे नहीं मालूम. मैं पढ़ी-लिखी युवा एमएलए हूं. विकास का मुद्दा बड़ा मुद्दा है. यही गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि है.’

कांग्रेस की पदयात्रा में शामिल न होकर विशेष सत्र में आने पर अदिति ने कहा “चाहे वह धारा 370 रही हो या अन्य कोई बात, उन्होंने सरकार का समर्थन किया है. मैं एक पढ़ी लिखी विधायक हूं, जो चीज मुझे सही लगी उस पर मैंने अपनी बात रखी है. बता दें कुछ दिन पूर्व ही अदिति के बाहुबली पिता अखिलेश सिंह का निधन हुआ था. जिसके बाद से अदिति सिंह की बीजेपी से नजदीकियां बताई जा रहीं हैं. अदिति व अन्य पार्टयियों के विधायकों के शामिल होने पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, “अदिति सिंह समेत बसपा के अनिल सिंह और भी अलग दल के कई विधायक आये. गांधी जी की जयंती पर आयोजित इस विशेष सत्र में सबका स्वागत है. विपक्ष शायद गांधी जी को नही मानता है, इसलिए नहीं आया.”

सपा-बसपा के एक-एक विधायकों ने भी की बगावत

सपा और बसपा ने भले ही विशेष सत्र का बहिष्कार किया हो, लेकिन उसके एक-एक विधायक पार्टी लाइन से अलग हटकर पहुंचे. हरदोई से सपा विधायक नितिन अग्रवाल ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि विपक्षी नेता तब सदन छोड़ कर भाग जाते हैं जब जनता के हितों की बात होती है. 2017 और 2019 में जनता उन्हें सबक सीखा चुकी है. आगे भी सिखाएगी. उन्नाव की पुरवा सीट से बसपा विधायक अनिल ने पार्टी से बगावत करते हुए कहा जिस तरह पुत्र को पिता की जरुरत होती है, वैसे ही भारत को मोदी की जरुरत है. पिछली सरकारों में राजनीति भोग और पैसा कमाने का जरिया था.