कोरोनावायरस पीड़ित शहीद हैं: ओवैसी

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हैदराबाद: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि जो लोग कोविद -19 के कारण मारे गए, वे शहीद हैं। हैदराबाद के सांसद ने ट्वीट किया कि महामारी में मरने वालों को इस्लाम में शहीदों का दर्जा प्राप्त है और शहीदों को दफनाने के लिए ‘ग़ुस्ल’ (स्नान) या ‘कफन’ (कफन) की आवश्यकता नहीं होती है।

ओवैसी ने कहा कि ऐसे शहीदों की ‘नमाज-ए-जनाजा’ तुरंत पेश की जानी चाहिए और कुछ लोगों की मौजूदगी में दफन को पूरा किया जाना चाहिए। सांसद का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कोविद -19 की मौत से मरने वालों के परिवार के सदस्य निकायों के निपटान में सख्त प्रतिबंधों के कारण दर्दनाक क्षणों से गुजर रहे हैं।

महामारी तेलंगाना में अब तक नौ लोगों की जान ले चुकी है। ये सभी पिछले महीने दिल्ली में तब्लीगी जमात मण्डली में शामिल हुए थे। मृतकों के शवों को ‘घुसल’ नहीं दिया जा रहा है, न ही उन्हें दफनाने से पहले कपड़े पहनाए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश मृतक के केवल कुछ रिश्तेदारों की उपस्थिति की अनुमति देते हैं।

दफन संबंधित संक्रमण को रोकने के लिए संबंधित निकायों के निपटान के लिए केंद्र द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार संबंधित अधिकारियों की सख्त निगरानी में किया जा रहा है। एसओपी स्पर्श, चुंबन या आलिंगन मृत शरीर के लिए किसी भी परिवार के किसी सदस्य की अनुमति नहीं देता।