कोरोना काल में भी आईआईटी के स्टार्ट अप ने भरी उड़ान !

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कोरोना संक्रमण के चलते जहां अधिकतर देशों की अर्थव्यवस्था माइनस में चली गई तो वहीं आईआईटी रुड़की के लिए कोरोना संजीवनी बनकर आया है। कोरोना से बचाव के उपकरणों और शिक्षा प्रणाली समेत कई क्षेत्रों में नवीन तकनीक के जरिये आईआईटी के स्टार्टअप ने 2020 की पहली छमाही में 18.6 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई है। यही नहीं, देशभर के स्टार्टअप सेक्टर में जहां 24 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं आईआईटी के स्टार्टअप ने 100 फीसदी से ज्यादा की उड़ान भरी है।

आईआईटी रुड़की में इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन के एसोसिएट डीन प्रो. रजत अग्रवाल ने बताया कि कोरोना जैसे घातक वायरस के कारण समूची दुनिया में सभी प्रकार की गतिविधियों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है, लेकिन आईआईटी के स्टार्टअप क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन हुआ है। ऑनलाइन क्लास के लिए नवीन तकनीक विकसित की गई। कोरोना से बचाव के लिए संस्थान के छात्रों और शिक्षकों ने वेंटिलेटर जैसे कई उपकरण और उनकी तकनीक विकसित की है। इसके चलते 2020 की पहली छमाही में सबसे अधिक 18.6 करोड़ डॉलर की फंडिंग हुई है। अब आईआईटी रुड़की कैपिटल एकत्र करने वाले संस्थानों की सूची में दसवें स्थान पर पहुंच गया है।
प्रो. अग्रवाल के मुताबिक, कोरोना काल में न्यूट्रीशन, फिनटेक, आईओटी, नैनो मैटीरियल, जीआईएस टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्रों में आईआईटी स्टार्टअप ने कई बेहतरीन शोध एवं तकनीक विकसित की हैं। इसके अलावा वेंटिलेटर, डाइजिन प्रोडक्ट, यूवी सेनेटाइजेशन जैसे उत्पादों का निर्माण भी कोरोना से मुकाबले के लिए किया गया है। ऐसे में कोरोना काल की विपत्ति को अवसर में बदलने का प्रयास किया गया है।
कोरोना काल में 50 से अधिक पेटेंट की प्रक्रिया शुरू
आईआईटी में कोरोना काल में कई नवीन तकनीक विकसित करने के बाद इनका पेटेंट कराने का काम भी शुरू कर दिया गया है। प्रो. रजत अग्रवाल ने बताया कि इस दौरान 50 से अधिक तकनीक के पेटेंट की प्रक्रिया शुरू की गई है।
इस तरह होती है स्टार्टअप को फंडिंग
आईआईटी की ओर से विकसित नवीन तकनीक के सापेक्ष एकत्र की गई फंडिंग में देश और विदेश की कई कंपनियों ने सहयोग किया है। प्रो. रजत अग्रवाल ने बताया कि यह फंडिंग दो तरह की होती है। एक तो कोई प्रोडक्ट बनाए जाने पर कंपनियां लाइसेंस जारी कर उसके लाभ में हिस्सेदारी कर लेती हैं। दूसरी तरह की फंडिंग में आईआईटी के छात्र मिलकर कोई कंपनी बनाते हैं और इन कंपनियों में बाहर की बड़ी प्राइवेट कंपनियों की ओर से निवेश किया जाता है।
आईआईटी ने दिए देश को 400 से अधिक स्टार्टअप
आईआईटी रुड़की के छात्रों ने देश में 400 से अधिक स्टार्टअप खड़े किए हैं। आईआईटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद ये स्टार्टअप देश के अलग-अलग हिस्सों में काम कर रहे हैं। वहीं, वर्तमान में संस्थान के भीतर भी छात्रों के 25 से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हैं।