कोरोना के सामने घुटनों के बल दुनिया, अब तक 7000 मौतें

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कोरोना वायरस ने दुनिया के ताकतवर देशों को भी घुटनों के बल आने पर मजबूर कर दिया है. कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए अमेरिका के दो बड़े राज्यों न्यू जर्सी और सैन फ्रांसिस्को में कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है. अमेरिकी नागरिकों को कहा गया है कि जब बेहद जरूरी हो तभी वे घर से बाहर निकले. अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को देशवासियों से कहा कि लोग 10 से ज्यादा की संख्या में जमा न होएं.

इधर फ्रांस ने भी अगले 15 दिनों के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकलाउन की घोषणा कर दी है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने सोमवार को कोरोना वायरस के मुद्दे पर राष्ट्र को संबोधित किया. मैक्रां ने आदेश दिया कि कोरोना का संक्रमण न बढ़े इसलिए जरूरी है कि फ्रांस के नागरिक अगले कम से कम 15 दिनों तक घर से बाहर न निकलें और जहां तक संभव हो सके अपने सामाजिक संपर्क को कम से कम कर दें. उन्होंने कहा कि सिर्फ बेहद जरूरी ट्रिप की ही अनुमति दी जाएगी और जो इस आदेश का उल्लंघन करेगा उसे दंडित किया जाएगा.

जुलाई-अगस्त तक ठीक हो सकता है कोरोना

अमेरिका कोरोना वायरस के खात्मे के लिए भले ही वैक्सीन का परीक्षण कर चुका है, लेकिन अमेरिका को भी अब लगने लगा है कि इस बीमारी पर काबू पाने में जुलाई अगस्त तक लग सकता है. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने पहली बार स्वीकार किया कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था रिसेशन के दौर में जा सकती है.

न्यू जर्सी, सैन फ्रैंसिस्को में कर्फ्यू

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए न्यू जर्सी में कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है. न्यू जर्सी के गवर्नर ने कहा कि आज रात से गैर जरूरी दुकानें, मनोरंजन के बिजनेस रात 8 बजे के बाद निश्चित रूप से बंद कर दिए जाएं. ये आदेश 8 बजे रात से सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा.